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याशी जैन ने ऑस्ट्रेलिया के माउंट किंजस्को को 6 घंटे में किया फतह: जैन समाज की बेटी ने विश्व के सामने रचा नया इतिहास  


जैन समाज गौरव याशी जैन ने ऑस्टेªलिया के माउंट किंजस्को के शिखर को मात्र 6 घंटे में ही फतह कर लिया। इसके अलावा पर्वतारोही याशी ने विश्व के पांचों महाद्वीपों के सबसे ऊंचे शिखरों पर भी अपने कदमों के निशान अंकित किए। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ शहर की निवासी याशी जैन की इस अनुपम उपलब्धि पर सकल जैन समाज हर्षित है। हैदराबाद से पढ़िए स्वाति जैन की यह विशेष खबर…


हैदराबाद। जैन समाज की बेटी याशी जैन ने ऑस्टेªलिया के माउंट किंजस्को के सबसे ऊंचे शिखर को अपने कदमों से मात्र 6 घंटे में ही नाप दिया। यह कीर्तिमान बनाने वाली वह जैन समाज की पहली बेटी हैं और अपनी इस उपलब्धि से पूरे जैन समाज को गौरवान्वित किया है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़ निवासी 27 वर्षीय याशी जैन ने होली से एक दिन पहले 12 मार्च को यह उपलब्धि हासिल की है और यह कारनामा कर वह अब विश्व के सभी महाद्वीपों में से पांच महाद्वीपों के सबसे ऊंचे पर्वत शिखरों को फतह करने का नया कीर्तिमान बना चुकी हैं। पिछले साल याशी ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट और इसके साथ ही माउंट लोतसे को 26 घंटे से भी कम समय में एक साथ फतह किया था। देश में पहली बार ये कीर्तिमान याशी ने ही सबसे कम उम्र में बनाया था। याशी इतनी कम उम्र में देश के उन चुनिंदा पर्वतारोहियों की सूची में शामिल हो गईं हैं। जिन्होंने अपने हिम्मत और हौंसले से एक नया अध्याय लिखा है और नव पीढ़ी को पर्वतारोही बनने के लिए प्रेरित किया है। साथ ही याशी ने उस क्षेत्र में जैन समाज की शान बढ़ाई है, जिसमें याशी से पहले समाज के किसी भी बेटे या बेटी ने पहल करने की हिम्मत तक नहीं की थी। और ये उपलब्धि सिर्फ याशी और उसके परिवार की नहीं बल्कि इस देश के हर जैन की है, लेकिनप अफसोस है कि आज तक देश के जैन समाज के किसी भी बड़े मंच पर समाज की किसी भी बड़ी संस्था ने याशी को सम्मानित करने की जरूरत महसूस नहीं की। ये समाज द्वारा याशी की उपलब्धियों का अपमान नहीं बल्कि याशी ने समाज को जो योगदान दिया है और आने वाले समय के लिए यशोगाथा लिखी है, उसको ना समझ पाने की भूल है।

याशी की शानदार उपलब्धियों पर एक नजर: पर्वतारोही याशी जैन के अचीवमेंट  

जैन समाज की पहली बिटिआ जिसने पांच महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटी को फतह करके तिरंगा संग बेटी बचाओ के परचम के साथ जैन धर्म ध्वजा को फहराया और भारत की सबसे कम उम्र की बिटिआ जिसने माऊंट एवरेस्ट ( विश्व का सबसे ऊंचा पीक ) के साथ 26 घंटे मे माऊंट लोत्से ( विश्व का चौथा सबसे ऊंचा पीक)फतह किया। माउंट एवरेस्ट ( विश्व का सबसे ऊँचा ) फतह 17 मई और माऊंट लोत्से ( विश्व का चौथा सबसे ऊंचा ) 18 मई 2023। 12 मार्च 2025 को ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट किंजस्को को जीता। . 14 फरवरी, 2023 (दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी) पर माउंट अंककागुआ (6961मी) पर फतह हासिल की।

2 अक्टूबर, 2022 को माउंट किलिमंजारो(5896 मीटर) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की। (अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी)। जनवरी 2021 में लोबुचे ईस्ट पीक (6119 मी) पर, जनवरी 2020 में आईलैंड पीक नेपाल (6189 मी) पर, माउंट एल्ब्रस (5642 मी, यूरोप की सबसे ऊंची चोटी) 2019, 2018 में हिमालयी क्षेत्र में माऊंट जोगिन 3 चोटी (6116 मी) को अपने कदमों से नाप दिया। वीरांगना पुरस्कार (पर्वतारोहण और महिला सशक्तिकरण में अनुकरणीय कार्य), राज्यपाल, छत्तीसगढ़ ने प्रदान किया। राज्य स्तरीय राइफल शूटिंग में स्वर्ण पदक विजेता प्रतियोगिता 2018 में। दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क-खारदुंगला (5359मी) लद्दाख पर बुलेट 500सीसी बाइक चलाई।

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