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मुनि श्री की कृति पर निजी संस्था द्वारा दो विश्वस्तरीय अवार्ड: विशल्य सागर जी द्वारा लिखित ‘कृति मौक्तिकम’ को मिला सम्मान


भगवान महावीर की प्रथम साधनास्थली, पावापुरी, एक बड़े कार्यक्रम की साक्षी बनीं। यहां मुनि श्री विशल्य सागर जी द्वारा लिखित पुस्तक ‘’कृति मौक्तिकम्’’ को रिकॉर्ड्स को दर्ज करने वाली निजी संस्था ने अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड देकर सम्मानित किया। विस्तार से पढ़िए कोरडमा से राजकुमार अजमेरा की रिपोर्ट


एक संस्था द्वारा मुनि श्री की कृति को दो विश्व कीर्तिमान में शामिल करने के अवसर के कारण भगवान महावीर की प्रथम साधना स्थली पावापुरी जैन श्रावकों के बीच चर्चा में रही। यहां मुनि श्री 108 विशल्य सागर जी महाराज के द्वारा किया गया । श्री विशल्यसागर जी मुनिराज द्वारा लिखित डॉ. नीलम जैन द्वारा संपादित कृति को को भगवान महावीर स्वामी की प्रथम साधना स्थली पावापुरी में प्रदर्शित की गई ।

श्री 1008 पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव के पावन अवसर पर ‘गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ (golden book of world records) एवं वर्ल्ड ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड (world Greatest record) में इसे दर्ज किया गया। इस दौरान गोल्डन वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के एशिया हेड डॉ.मनीष विश्नोई ने (golden world records Asia head dr.manish vishvnoi ) स्वयं आकर गुरुवर के कर कमलों में ससम्मान इसे भेंट किया। इस अवसर पर कोडरमा जैन समाज के मंत्री जैन ललित सेठी,सुरेन्द काला उपस्थित थे।

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