नगर के फैंन्सी बाजार स्थित भगवान महावीर धर्मस्थल में विराजित आचार्य 108 श्री प्रमुख सागर महाराज ससंघ का 28वां चातुर्मास रविवार को कलश स्थापना के साथ शुरू हुआ। इस अवसर पर आचार्य श्री ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि जहां चतुर लोगों का वास होता है, वहीं चतुर्मास होता है। पढ़िए सुनील कुमार सेठी की रिपोर्ट…
गुवाहाटी। नगर के फैंन्सी बाजार स्थित भगवान महावीर धर्मस्थल में विराजित आचार्य 108 श्री प्रमुख सागर महाराज ससंघ का 28वां चातुर्मास रविवार को कलश स्थापना के साथ शुरू हुआ। इस अवसर पर आचार्य श्री ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि जहां चतुर लोगों का वास होता है, वहीं चातुर्मास होता है।
हिंसा की प्रवृतियां कीटाणुओं की वर्षा में ज्यादा होती है। इसलिए दिगंबर साधु एक जगह रुक कर चतुर्मास करते हैं। जहां प्यास गहरी होती है, वहीं चातुर्मास होता है। उन्होंने कहा कि वर्षा योग स्थापना के समय विधि-विधान पूर्वक व संकल्प के साथ मंगल कलश की स्थापना की जाती है।
अष्टाहिंका पर्व का सातवां दिन
वर्षा योग समिति के मुख्य संयोजक ओम प्रकाश सेठी ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ झूमरमल पन्नालाल गंगवाल परिवार द्वारा झंडारोहण के साथ हुआ। तत्पश्चात कलश स्थापना की समस्त मांगलिक क्रियाएं बाल ब्रह्मचारिणी दीदी द्वारा संपन्न कराई गईं। कार्यक्रम का शुभारंभ समाज की महिलाओं द्वारा मंगलाचरण व बीहु नित्य से हुआ। तत्पश्चात उपस्थित अतिथियों ने आचार्य पुष्पदंत सागर महाराज के चित्र का अनावरण कर दीप प्रज्वलित किया। इससे पूर्व आज प्रातः श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान के सातवें दिन श्रीजी का अभिषेक व शांतिधारा आचार्य श्री के निर्देशन में संपन्न हुए। तत्पश्चात विधान के इंद्र-इंद्राणी सहित प्रमुख पात्रों द्वारा संगीतमय स्वर लहरियों के साथ पूजा अर्चना कर विधान के 512 अर्घ्य चढ़ाए गए। इस धार्मिक अनुष्ठान के आयोजन पर बड़ी संख्या में भारतवर्ष से गुरु भक्त उपस्थित थे। इस आठ दिवसीय अष्टाहिंका महापर्व का समापन सोमवार को विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के साथ होगा। समारोह मे सभी भक्तों के लिए वात्सल्य भोजन की व्यवस्था झूमरमल पन्नालाल गंगवाल परिवार द्वारा कराई गई। यह जानकारी समाज के प्रचार प्रसार विभाग के मुख्य संयोजक ओम प्रकाश सेठी व सह संयोजक सुनील कुमार सेठी ने दी।
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