समाचार

नगर में हुआ द्वय मुनिराजों का मंगल प्रवेश : जब-जब साधुओं का संगम होता है, तब-तब आती है परिमाणों में निर्मलता


 आचार्य श्री आदिसागर अंकलीकर परंपरा के चतुर्थ पट्टाचार्य प्राकृताचार्य आचार्य श्री सुनीलसागर जी महाराज के परम प्रभावशाली शिष्य मुनि श्री श्रुतेश सागर जी महाराज और मुनि श्री सुश्रुत सागर जी महाराज ससंघ का मंगल प्रवेश धर्मनगरी सनावद में सोमवार, 7 अप्रैल 2025 को प्रातः 8:30 बजे बेड़िया की ओर से हुआ। पढ़िए सन्मति जैन काका की रिपोर्ट…


सनावद – अनेक त्यागियों की नगरी सनावद में सोमवार को द्वय मुनिराजों का मंगल प्रवेश बेड़ियां से सनावद नगर में हुआ। आचार्य श्री आदिसागर अंकलीकर परंपरा के चतुर्थ पट्टाचार्य प्राकृताचार्य आचार्य श्री सुनीलसागर जी महाराज के परम प्रभावशाली शिष्य मुनि श्री श्रुतेश सागर जी महाराज और मुनि श्री सुश्रुत सागर जी महाराज ससंघ का मंगल प्रवेश धर्मनगरी सनावद में सोमवार, 7 अप्रैल 2025 को प्रातः 8:30 बजे बेड़िया की ओर से हुआ।

अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज ने की अगवानी

इनकी अगवानी नगर में विराजित अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज सहित सभी समाजजन ने चौधरी फ्यूल्स से की। तत्पश्चात द्वय मुनिराजों ने नगर में स्थित जैन मंदिरों के दर्शन किए। इसके बाद, बड़े मंदिर के सामने स्थित आचार्य शांति सागर वर्धमान देशना संत निलय में सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री सुश्रुत सागर जी महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि जब-जब साधुओं का संगम होता है, तब-तब परिमाणों में निर्मलता आती है। सनावद नगर बहुत ही पुण्यशाली नगरी है, जहाँ आज जैन समाज के सर्वोच्च साध्वी आर्यिका ज्ञान मति माताजी के चातुर्मास के बाद झुल्लक मोती सागर जी और आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज जैसे बड़े संत नगर से निकल कर आज सनावद नगर का नाम रोशन कर रहे हैं। आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज जो आज 20वीं सदी के प्रथमाचार्य आचार्य शांति सागर जी महाराज की कठिन और अक्षुण्ण परंपरा का पालन कर रहे हैं, आपके सौभाग्य का प्रतीक हैं कि आपके नगर की पहचान आज इन बड़े संतों के नाम से होती है। आप सभी नगरवासियों को इस नगर के नाम को जीवित रखने के लिए सिर्फ एक छोटा सा प्रण लेना चाहिए – कि हम रात्रि भोजन का त्याग करेंगे और पानी छान कर पियेंगे। यदि आपको मुनि पूज्यसागर जी महाराज की पूजा करनी है, तो पूज्य वाली भक्ति करनी पड़ेगी। यदि आपको संयमी बनना है, संसार से ऊपर उठना है, गृहस्थी से ऊपर उठना है, तो ध्यान रखना, जिनके हाथ में पिच्छी और कमंडल है, उनकी पूजा करनी चाहिए। आज के इस पावन अवसर पर मुनि श्री को आहार करवाने का सौभाग्य आचार्य श्री वर्धमानसागर बहु मंडल एवं रेखा राकेश जैन परिवार को प्राप्त हुआ। इस अवसर पर समाजजन उपस्थित थे।

द्वय मुनिराज का हुआ मंगल विहार

द्वय मुनिराज मुनि श्री 108 श्रुतेश सागर जी महाराज और मुनि श्री 108 सुश्रुत सागर जी महाराज का मंगल विहार सनावद से सिद्धवरकूट की ओर शाम को हुआ।

रात्रि में हुई भव्य भजन संध्या

भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक महोत्सव के अवसर पर एक शाम महावीर के नाम भव्य भजन संध्या का आयोजन धर्मज नेत्रालय के समीप सोलंकी कॉलोनी, पंडित कॉलोनी, नर्मदा विहार कॉलोनी सहित समीप के सभी कॉलोनी के निवासियों द्वारा किया गया। इस आयोजन में स्थानीय भजन गायकों ने सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर सभी समाजजन ने भक्ति भाव से नृत्य गरबा कर भगवान की भक्ति की। इस कार्यक्रम में सभी समाजजन उपस्थित थे।

8 तारीख को होगा भक्ति आयोजन

8 अप्रैल को मोटक्का चौराहे के निवासियों द्वारा भगवान महावीर के जन्म कल्याणक के अवसर पर एक शाम महावीर के नाम भक्ति का आयोजन किया जाएगा।

आप को यह कंटेंट कैसा लगा अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।
+1
4
+1
0
+1
0

About the author

Shreephal Jain News

Add Comment

Click here to post a comment

× श्रीफल ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें