गणाचार्य श्री 108 विरागसागर जी महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य प.पू. झारखंड राजकीय अतिथि जिनश्रुत मनीषी सराक केसरी श्रमण श्री विशल्यसागर जी मुनिराज का पावन दीक्षा दिवस महामहोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। पढ़िए यह विशेष रिपोर्ट…
भागलपुर। प.पू. भारत गौरव राष्ट्रसंत गणाचार्य श्री 108 विरागसागर जी महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य प.पू. झारखंड राजकीय अतिथि जिनश्रुत मनीषी सराक केसरी श्रमण श्री विशल्यसागर जी मुनिराज का पावन दीक्षा दिवस महामहोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। ऐसा होने से स्वर्ण अक्षरों में हमेशा के लिए अंकित होने वाला एक नया इतिहास रचा गया।
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पं. अजितशास्त्री गुरुजी रायपुर के नेतृत्व में प. पू . विशल्यसागर जी गुरुदेव द्वारा रचित विश्व कीर्तिमान कृति मौक्तिकम् काव्य मणिमाला पर 5 विश्व रिकॉर्ड (ICON AMBASSADOR BOOK OF WORLD RECORDS,INTERNATIONAL EUROPEAN BOOK OF WORLD RECORDS, INDIA PROUD BOOK OF RECORDS साहित्य रत्न सम्मान, LONDON BOOK OF WORLD RECORDS, BOOK OF WORLD RECORDS USA) एवं श्री महर्षि काँलेज आँफ वैदिक एस्ट्रोलॉजी यूनिवर्सिटी उदयपुर से Doctor of philosophy (Ph. D) एवं Doctor of Literature और श्री दि. जैन समाज भागलपुर की ओर से गुरुदेव को श्रुत वारिधि की उपाधि से सम्मानित किया गया।
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