नगर की जैन समाज के एक युवक ने 10 दिन तक बिना अन्न जल के उपवास कर निर्जला व्रत पूर्ण किए। श्री नसियां जी जैन मंदिर मुरैना के बाजू में निवास करने वाले राकेश हेमलता जैन पलपुरा के पुत्र विकास जैन ने इस बार के दसलक्षण पर्व में दस दिन तक निर्जला व्रत किए। विकास जैन के इस पुण्य की सभी ने अनुमोदना की। पढ़िए मनोज जैन नायक की रिपोर्ट…
मुरैना। नगर की जैन समाज के एक युवक ने 10 दिन तक बिना अन्न जल के उपवास कर निर्जला व्रत पूर्ण किए। श्री नसियां जी जैन मंदिर मुरैना के बाजू में निवास करने वाले राकेश हेमलता जैन पलपुरा के पुत्र विकास जैन ने इस बार के दसलक्षण पर्व में दस दिन तक निर्जला व्रत किए । विकास जैन के इस पुण्य की सभी ने अनुमोदना की। ज्ञात हो कि मुरैना नगर में चातुर्मासरत अभीक्षण ज्ञानोपयोगी आचार्य श्री वसुनंदी जी महाराज के शिष्य युगल मुनिराज श्री शिवानंद जी महाराज एवम मुनिश्री प्रशमानंद जी महाराज के पावन आशीर्वाद एवम सान्निध्य में दसलक्षण पर्व में विकास जैन ने अपनी साधना को अंजाम दिया ।
विकास जैन प्रतिदिन प्रातः भगवान पार्श्वनाथ के अभिषेक, शांतिधारा व पूजन करने के पश्चात युगल मुनिराजों से आशीर्वाद प्राप्त करते थे । दसलक्षण पर्व में रुई की मंडी मुरैना निवासी अभिषेक जैन टीटू के सुपुत्र अनिकेत जैन एवम मिल एरिया रोड निवासी दिनेशचंद पदमचंद जैन के परिवार से आदीश जैन ने पर्व के दस दिनों में प्रतिदिन सिर्फ एक बार ही जल ग्रहण कर संयम और त्याग की साधना की । यानिकि दस दिनों में कुल 09 बार केवल जल ग्रहण किया ।
भरोषी की धर्मशाला निवासी प्रेमचंद जैन नायक के नाती एवम सोरभ जैन के 05 वर्षीय सुपुत्र युवान जैन ने अन्य चीजों के साथ जूते चप्पलों का त्याग किया । सभी लोगों ने इन सभी के पुण्य की अनुमोदना की। जैन धर्म में दस दिनों तक मनाए जाने वाले दसलक्षण पर्व तप त्याग संयम की शिक्षा देते हैं । जैन सिद्धांतों को मानने वाले सभी जैन बंधु इन दस दिनों में अनेकों वस्तुओं का त्याग कर संयम की साधना करते हुए अपने मन को निर्मल बनाने का प्रयास करते हैं । जैनाचार्यों ने बताया है की इन दस दिनों में साधना करने से पापों का क्षय होता है ।
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