कोटा। झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित जैन समाज के पवित्र स्थल श्री सम्मेद शिखर के विकास एवं संरक्षण के लिए एक राज्यस्तरीय समिति गठित करने के लिए समग्र जैन समाज, भारत ने नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस लोकसभा, अधीररंजन चौधरी को पत्र लिखा है।
पत्र में मांग की गई है कि इस समिति में समग्र जैन समाज, भारत के तीन सदस्यों को शामिल कर उनकी राय को प्राथमिकता दी जाए।
पूरे सिद्ध क्षेत्र को वाइल्डलाइफ सेंचुरी में शामिल किया जाए
समग्र जैन समाज, भारत के अध्यक्ष राकेश जैन (मडिया), महामंत्री विनोद जैन (टोरडी) और परामर्शदाता साहिल जैन ने पत्र में यह भी लिखा है कि झारखंड सरकार के गजट 26 फरवरी 2019 में प्रकाशित सूचना के आधार पर पारसनाथ पहाड़ी को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन क्षेत्र में शामिल किया गया जिसके अभ्यारण्य में वाइल्डलाइफ सेंचुरी में घोषित किया था।
उसमें पहाड़ का कुछ हिस्सा रह गया था, जबकि बचा हुआ हिस्सा भी सिद्धक्षेत्र में आता है। अधिकांश श्रद्धालु एक रास्ते से आते हैं और दूसके वापसी करते हैं। अतः पूरे क्षेत्र को वाइल्डलाइफ सेंचुरी में शामिल किया जाए।
पारिस्थितिक पर्यावरण के साथ पवित्रता भी जरूरी
पत्र में यह भी लिखा है कि सिद्धक्षेत्र श्री सम्मेद शिखर जैन धर्म का सर्वोच्च तीर्थ है। इस पवित्र जैन तीर्थ के कण-कण में भगवान बसते हैं। पिछले कुछ दशकों से उत्तरोत्तर सरकारों ने यहां के पर्यावरण एवं वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति आकृष्ट होते हुए इसे अभ्यारण्य क्षेत्र में शामिल किया है जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र के पारिस्थितिकी पर्यावरण को संवर्द्धित करना ही रहा होगा।
पत्र में अनुरोध किया गया है कि आप क्षेत्र के पारिस्थितिक पर्यावरण को अधिक संरक्षित करना चाहते हैं और हम क्षेत्र की शुद्धता-पवित्रता को अक्षुण्ण रखना चाहते हैं। इसलिए आपके उद्देश्यों की पूर्ति में हमारी भावना का योग ही वांछित उद्देश्यों को पूरा करने में सहायक होगा।
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