श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान में एक नवंबर से होगी सिद्धों की आराधना
मुरैना (मनोज नायक)। धर्म नगरी मुरैना में श्री 1008 सिद्धचक्र महामण्डल विधान आगामी एक नवंबर से आयोजित होने जा रहा है। आयोजन समिति के मीडिया प्रभारी सुरेशचंद बाबूजी एवं अभिषेक जैन टीटू के मुताबिक गुरुदेव समाधिस्थ आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज एवं मुनिश्री अजितसागर जी महाराज के पावन आशीर्वाद से गुरुदेव की शिष्या क्षुल्लिका अक्षतमति माताजी के पावन सान्निध्य में श्री 1008 सिद्धचक्र महामण्डल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन मंगलवार, एक नवंबर से 9 नवंबर तक श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन पंचायती बड़ा मन्दिर, मुरैना में होने जा रहा है।
इसी सिलसिले में रविवार को पुण्यार्जक नायक परिवार गढ़ी वालों के निज निवास से पूजन द्रव्य सामग्री को गाजे-बाजे के साथ मन्दिर लाया गया। बड़े जैन मंदिर में महिलाओं द्वारा भजनों का कार्यक्रम रखा गया। प्रतिष्ठाचार्य पंडित राजेन्द्र जी शास्त्री मंगरौनी वाले, ग्वालियर के सान्निध्य में कार्यक्रम के प्रारम्भ में एक नवंबर को देव आज्ञा, आचार्य निमंत्रण के पश्चात प्रातः 8 बजे घटयात्रा जुलूस बड़े जैन मंदिर जी से प्रारम्भ होकर गोपीनाथ की पुलिया, पीपल वाली माता, रुई की मंडी, सदर बाजार, सराफा बाजार, लोहिया बाजार होता हुआ बड़े जैन मंदिर पहुंचेगा।
सर्वप्रथम नायक परिवार के वयोवृद्ध गोपीचंद-कपूरीदेवी जैन एवं कमलवती जैन, श्योपुर ध्वजारोहण करेंगी। अम्बाह जैन समाज के अध्यक्ष जिनेश जैन (पूर्व अध्यक्ष नगर पालिका अम्बाह) एवं रामेश्वरदयाल जैन चित्र अनावरण व दीप प्रज्ज्वलित करेंगे। पात्र शुद्धि, सकलीकरण, इंद्र प्रतिष्ठा, मंडप प्रतिष्ठा, अभिषेक, शांतिधारा, पूजन के पश्चात श्री सिद्धचक्र विधान प्रारम्भ होगा। प्रतिदिन सन्ध्या को आरती, शास्त्र सभा एवं मंच नाट्य कलाकार बाहुबली जैन ललितपुर द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।
विधान में सागर निवासी नीलेश-लता जैन अपनी संगीतमय स्वर लहरी से सभी को आनन्दित करेंगे। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक अनूप जैन भण्डारी ने बताया कि दो नवंबर से आठ नवंबर तक प्रतिदिन प्रातः कालीन वेला में सिद्धों की आराधना, पूजा अर्चना कर अर्घ्य समर्पित किये जायेंगे। कार्यक्रम के अंतिम दिन 9 नवंबर को प्रातः विश्व शांति महायज्ञ एवं हवन होगा। यज्ञ के पश्चात श्रीजी को रथ में विराजमान कर भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। रथयात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से भ्रमण करती हुई बड़े जैन मंदिर में पहुंचेगी। मन्दिर जी में श्री जिनेन्द्र प्रभु के कलशाभिषेक होंगे।
कार्यक्रम के अंत में अतिथियों का सम्मान किया जाएगा। विधान के समापन पर नौ नवंबर को दोपहर दो बजे से सूर्यास्त तक सामुहिक भोज एवं प्रसादी वितरण का आयोजन रखा गया है। विधान के आयोजक गढ़ी वाले नायक परिवार ने सभी सधर्मी बन्धुओं से विधान के सभी मांगलिक कार्यक्रमों में सम्मिलित होने की अपील की है।