न्यूज सौजन्य – राजेश जैन दद्दू
इंदौर । हाल ही राज्यसभा के लिए मनोनीत कर्नाटक के धर्मस्थल मंदिर के धर्माधिकारी 73 वर्षीय डॉक्टर डी वीरेंद्र हेगड़े को जैन समाज के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से केबिनेट मंत्री बनाए जाने की मांग की है। हेगड़े को वर्ष 2000 में पद्मभूषण सम्मान सहित अनेकों पुरस्कारों से विभूषित किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने 29 जनवरी 2006 को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय से अलग कर अल्पसंख्यक मंत्रालय बनाया था। वर्ष 2006 से जुलाई 2022 तक यानी 17 साल के कार्यकाल में एक बार भी अल्पसंख्यक मंत्रालय का प्रभार जैन धर्म के सांसद को नहीं मिला है। राज्यसभा सदस्य के रूप में मुख्तार अब्बास नकवी का कार्यकाल खत्म होने से इस विभाग में अब कोई मंत्री नहीं है। उन्होंने अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री के रूप में कार्य किया जब नजमा हेपतुल्ला कैबिनेट मंत्री थीं। 12 जुलाई 2016 को नजमा हेपतुल्ला के इस्तीफे के बाद नकवी को मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया था।
इसलिए देश भर के जैन समाज को अल्पसंख्यक मंत्री का पद वीरेंद्र हेंगड़े को दिए जाने की मांग को लेकर आवाज उठानी चाहिए। इस साल, अल्पसंख्यक मंत्रालय का बजट 5020.50 करोड़ करोड़ रुपए का है। जब से अल्पसंख्यक मंत्रालय का गठन हुआ है, तब से पिछले 17 सालों में लगभग 50,000 करोड़ रुपए अल्पसंख्यक मंत्रालय को भारत सरकार के बजट से मिले है। इतनी बड़ी राशि में जैन समाज के विकास और संरक्षण के लिए 500 करोड़ भी नहीं मिला है। दूसरी ओर, वक्फ बोर्ड प्रॉपर्टी के संरक्षण और विकास के लिए सैकड़ो करोड़ रुपए मिले हैं। जैनधर्म के प्राचीन मंदिरो के संरक्षण और विकास के लिए एक रुपया भी नहीं मिला है।
कब जागेगा जैन समाज…?
जैनधर्म के कम से कम 5,000 करोड़ रुपए पिछले 17 सालों में डूब गए हैं। तमिलनाडु , कर्नाटक राज्य में तो जैन समाज की गरीबी 50 फीसद से भी ज्यादा है। पिछले 17 सालों में मुस्लिम धर्म में गरीबी और बेरोजगारी दोनों ही कम हुए है, सभी धार्मिक स्थलों का संरक्षण और विकास हुआ है, पर पिछले 17 सालों में जैन धर्म में गरीबी और बेरोजगारी दोनों बढ़ी है। जैन धर्म के प्राचीन मंदिरों का ना तो संरक्षण हुआ है ना विकास।
ऐसे में समाज से जुड़े लोगों का कहना है कि अल्पसंख्यक मंत्रालय का मंत्री पद वीरेंद्र हेगड़े जैसे व्यक्ति को ही मिले। दिगंबर जैन समाज सामाजिक सांसद युवा प्रकोष्ठ प्रवक्ता राजेश जैन दद्दू ने कहा है कि अगर इस मंत्रालय का मंत्री पद वीरेंद्र हेगड़े जी को मिलता है तो पूरा विश्वास है कि जैन धर्म के विकास और संरक्षण वो अच्छी तरह से कर पाएंगे। आवाज उठाएं इस बार जैन रत्न वीरेंद्र हेगड़े जी को अल्पसंख्यक मंत्रालय का मंत्री पद मिले। धर्माधिकारी हेगड़े का कद इसी बात से बढ़ जाता है कि जैन समुदाय के होते हुए भी वे हिंदु धर्म के मंदिरों के भी ट्रस्टी हैं।