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आचार्य विद्यासागर जी के प्रथम समाधि पर हो रहे विविध कार्यक्रम : 36 गुणों के 36 अर्घ्य आचार्य श्री के समक्ष किए पेश


आचार्य विद्या सागर जी के प्रथम समाधि दिवस पर जैन मंदिर में विविध कार्यक्रम किया जा रहे हैं जैन भक्तों द्वारा उनके आदर्श स्लोगन के साथ नगर भ्रमण किया गया। अर्घ्य समर्पित किए गए। शाम को विनयांजलि का कार्यक्रम हुआ। पढ़िए कोडरमा से प्रभारी जैन राज कुमार अजमेरा और नवीन जैन की यह खबर…


कोडरमा। श्री दिगंबर जैन समाज द्वारा गुरुवार को जैन धर्म के सबसे बड़े आचार्य विद्यासागर जी के समाधि के एक वर्ष पूर्ण होने पर जैन मंदिर में कई धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन, पूजा, विधान और पाठ किया गया। उनके जीवन के आदर्श स्लोगन के साथ भक्त जनों ने नगर भ्रमण किया।

पाठशाला द्वारा हो रहे धार्मिक कार्यक्रम
गुरुवार संध्या को विशाल आम सभा होगी। जिसमें उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए समाज के लोग विनयांजलि अर्पित करेंगे। आचार्यश्री विद्यासागर जी महामुनिराज का समाधि एक वर्ष पूर्व हुआ था। इस समाधि महोत्सव पर जैन समाज और झुमरी तिलैया आचार्य विद्यासागर पाठशाला की ओर कई धार्मिक कार्यक्रम किए जा रहे हैं।

48 दीपक किए जाएंगे समर्पित
इसमें प्रातः भगवान का अभिषेक शांतिधारा के साथ आचार्यश्री के 36 गुणों के 36 अर्घ्य आचार्य श्री के फोटो के समीप समर्पित किए गए। साथ ही आचार्य छत्तीसी विधान किया जा रहा है। संध्या में एक विशाल सभा होगी जिसमें समाधि दिवस के पूर्व संध्या में जैन समाज द्वारा बड़ा जैन मंदिर में भक्तामर के 48 कड़े द्वारा 48 दीपक प्रभु चरणों में समर्पित किया जाएगा।

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