आदिनाथ धाम के पंचकल्याणक महोत्सव के तीसरे दिन तपकल्याणक मनाया गया। प्रातः 6:00 बजे से मंगलाष्टक रक्षा मंत्र, श्रीजी का अभिषेक, शांति धारा एवं नित्यम पूजा संपन्न हुई। पढ़िए राजीव सिघई की एक रिपोर्ट…
टीकमगढ़। शहर की नंदीश्वर कॉलोनी स्थित आदिनाथ धाम के पंचकल्याणक महोत्सव के तीसरे दिन तपकल्याणक मनाया गया। प्रातः 6:00 बजे से मंगलाष्टक रक्षा मंत्र, श्रीजी का अभिषेक, शांति धारा एवं नित्यम पूजा संपन्न हुई। इसके बाद 8:30 बजे निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज मंच पर विराजमान हुए। उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि स्यादवाद धर्म नहीं होता, एक दृष्टिकोण है।
स्यादवाद द्रव नहीं है, अनेकांत धर्म है। स्यादवाद धर्म की अभिव्यक्ति करने का साधन है। मुनि श्री ने कहा कि जो देखने में नहीं आता और होता है, वह चमत्कार है। जैसे भगवान का कोई अभिषेक नहीं कर रहा है, हम अभिषेक की अनुभूति कर रहे हैं, यही चमत्कार है। कार्यक्रम के मीडिया संयोजक प्रदीप जैन बम्होरी ने बताया कि दोपहर 12:00 से तप कल्याणक का कार्यक्रम शुरू हुआ।
मोक्ष का मार्ग समझो
दोपहर में मुनि श्री ने प्रवचन के दौरान कहा पहाड़ की चट्टान पर बैठकर आनंद प्राप्त होता है तो समझ लो तुम्हारा मोक्ष का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। जब सर्दी में नदी किनारे एवं बारिश के समय पेड़ के नीचे बैठने का मन करे तो जल्दी मोक्ष मिलने वाला है। अशुभ के समय सुख की अनुभूति होती है, समझ लो मोक्ष जाना है। जहां रात न हो, वहां निकलने वाला सूरज मांगलिक नहीं होता।
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