- रक्षाबंधन विधान में आज समर्पित होंगे 308 अर्घ्य
- राखी सजाओ प्रतियोगिता का होगा आयोजन
न्यूज सौजन्य- राजीव सिंघई
ललितपुर । त्रिदिवसीय रक्षाबंधन वात्सल्य पर्व के कार्यक्रम का आयोजन आज से वर्णीनगर मडावरा में विश्व वंदनीय आचार्य श्रेष्ठ 108 विद्यासागर महाराज की विशेष अनुकंपा से नगर में आचार्य श्री के संघस्थ साधुओं का प्रथम बार चातुर्मास अष्टम निर्यापक मुनिराज श्रमण श्री अभय सागर, श्रमण मुनि श्री प्रभात सागर,श्रमण मुनि निरीह सागर महाराज का अमृत वर्षायोग धर्म प्रभावना पूर्वक चल रहा है। पावन अमृत वर्षायोग के अंतर्गत वात्सल्य पर्व रक्षाबंधन के अवसर पर विधान का आयोजन किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत सात सौ मुनियों की रक्षा का पर्व रक्षाबंधन पर्व ब्रह्मचारी मनोज भैया ‘लल्लन’ जबलपुर के सान्निध्य में आयोजित किया जा रहा है।
आयोजन हेतु विशेष दस प्रमुख पात्रों में मुख्य पात्र चातुर्मास समिति के अध्यक्ष डा. बिरधीचंद्र जैन, मुकेश जैन मामा, द्वितीय पात्र चातुर्मास कमेटी के महामंत्री डॉ. राकेश सिंघई, सुधीर सिंघई, संरक्षक सवाई सिंघई श्रेयांश कुमार, डिंपल कुमार सिंघई, प्रकाश चंद्र, राजीव सेठी, नरेंद्र कुमार, अविनाश सिलोनिया,भाजपा मंडल अध्यक्ष मडावरा सूरज चौधरी, शुभम चौधरी,प्रेमचंद्र,संजय कुमार जैन सीरोंन ने प्राप्त किया। मुनिश्री को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य अजय जैन,ग्राम प्रधान अनिल जैन, राजीव जैन एवं विमल कुमार, अभिषेक मलैया,अनिल कुमार,संतोष बजाज परिवार ने प्राप्त किया।
जैन युवा जागृति सेवा संघ के अध्यक्ष प्रदीप सिंघई,म्यूजिक डायरेक्टर धर्मेंद्र सराफ, मिंटू जैन,वर्णी व्यायामशाला के डायरेक्टर प्रदीप खुटगुंवा,चातुर्मास समिति के कार्याध्यक्ष राजेंद्र जैन,सह कोषाध्यक्ष सुरेंद्र जैन दुकान वाले,मंत्री राजेश सौंरया सहित पावन अमृत वर्षायोग समिति के पदाधिकारियों ने श्रद्धालुओं से आह्वान किया है कि इस महापर्व में सकल दिगंबर जैन समाज, मडावरा व क्षेत्रीय जैन समाज के लोग उत्साह से भाग लेते हुए पुण्यार्जन प्राप्त करें।
ग्यारहवें तीर्थंकर श्रेयांसनाथ का निर्वाण महोत्सव भी
चातुर्मास समिति के महामंत्री डा. राकेश जैन सिंघई ने बताया कि वात्सल्य पर्व रक्षाबंधन के पावन अवसर पर रक्षाबंधन पर्व की विशेष पूजन मुनिश्री अभय सागर महाराज ससंघ के पावन सान्निध्य में आयोजित किया जाएगी। पूजन में विशेष रूप से 700 अर्घ्य समर्पित किए जाएंगे। श्रावण सुदी पूर्णिमा के दिन यानी रक्षाबंधन के दिवस ही जैन धर्म के ग्यारहवें तीर्थंकर श्रेयांसनाथ का निर्वाण महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। वात्सल्य पर्व पर राखी सजाओं प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है। प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ राखी को पुरस्कृत किया जाएगा।