तीसरे दिन दीक्षा कल्याणक महोत्सव मनाया
इटखोरी, 4 दिसंबर। भगवान शीतलनाथ की जन्मस्थली भदलपुर इटखोरी ग्राम में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में तीसरे दिन रविवार को दीक्षा कल्याणक महोत्सव मनाया गया।
श्रमण मुनि श्री विशल्यसागर जी के सानिध्य में आयोजित महोत्सव में सुबह तीर्थंकर बालक शांति कुमार का राज्याभिषेक किया गया। इसके बाद दिगि्विजय के लिए यात्रा निकाली गई। इस दौरान मुनि श्री ने प्रवचन में कहा कि जीवन का उद्देश्य संसार में पर्यटन नहीं बल्कि जीवन को मंदिर बनाकर जीना है ।
मन द्वारा अंतरंग में प्रवेश कर जाना ही मंदिर में पहुँचना है। जन्म लेकर अगर परमार्थ तक न पहुँचे तो हमारा जन्म निरर्थक है । जब यह जीव परमार्थ की दौड़ में चलता है तो उसका जन्म कल्याणक के रुप में मनाते है।” बोध और बोधि का समन्वय होना जरूरी है।
धार्मिक नही बनना धर्मात्मा बनना ।धर्मात्मा के अंदर धर्म का वास होता है। व्यक्ति धार्मिक दो चार घंटे के लिए बनता है, लेकिन धर्मात्मा जीवन भर के लिए रहता है । धर्मात्मा इस लोक को सुधारता है।
सभी कार्यक्रम प्रतिष्ठचार्य अजित जी शास्त्री और कोडरमा के पंडित अभिषेक जैन के साथ संघस्थ अलका दीदी ओर भारती दीदी के निर्देशन में किए जा रहे हैं।