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जैनबंधु या पुरातत्त्वविद् करें पहचान : विदेश में नीलाम होने जा रही यह प्राचीन तीर्थंकर प्रतिमा किस जैनमंदिर की है ?


एक प्राचीन तीर्थंकर प्रतिमा विदेश में नीलाम की जा रही है। इस विदेशी वेबसाइट पर इस प्रतिमा की फोटो अलग- अलग कोणों मेंं alabaster-buddha-statue-in-the-dhyana-mudra के नाम से प्रस्तुत की गई है और यह एक giantauctionsstore.com नाम की एक auction (नीलामी) की वेबसाइट पर उपलब्ध है। पढ़िए डॉ. अरिहन्त कुमार जैन का विशेष आलेख…


 

मुंबई। जैन पुरातत्त्व सम्बन्धी कुछ जानकारी के लिए मैं गूगल पर सर्च कर रहा था। देखते-देखते मुझे एक प्राचीन तीर्थंकर प्रतिमा जी की फोटो ने आकर्षित किया। जब मैं सोर्स साइट पर गया तो पाया कि इस विदेशी वेबसाइट पर इस प्रतिमा की फोटो अलग- अलग कोणों मेंं alabaster-buddha-statue-in-the-dhyana-mudra के नाम से प्रस्तुत की गई हैं और यह एक giantauctionsstore.com नाम की एक auction (नीलामी) की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसका मूल्य $22, 800 डॉलर रखा गया है। मुझे विश्वास नहीं हुआ क्योंकि गौतम बुद्ध के नाम पर व्याख्यायित प्रस्तुत प्रतिमा स्पष्ट रूप से दिगंबर जैन तीर्थंकर की प्रतिमा ही है। हालांकि तीर्थंकर भगवान का चिह्न स्पष्ट नजर नहीं आ रहा। प्रशस्ति आदि भी घिस दी गई है। यदि ये जिनप्रतिमा नवीन होती तो बहुत गंभीर बात नहीं थी क्योंकि अच्छा मूर्तिकार मिल जाये तो देश-विदेश कहीं भी प्रतिमा जी बनाई जा सकती है। लेकिन HDQuality में गौर से देखने पर यह दिगंबर जिनप्रतिमा किसी उत्खनन से प्राप्त प्राचीन तीर्थंकर प्रतिमा मालूम पड़ रही है, जो कि भारत में ही अधिक रूप से संभव है। यह देखकर मेरे मन में कई संदेहास्पद वैकल्पिक प्रश्न उठे हैं, जिसमें इस बात का काफी हद तक अनुमान लगाया जा सकता है कि इस प्रतिमाजी को भारत में किसी मंदिर, म्यूज़ियम आदि से चोरी कर विदेश में निर्यात किया गया है क्योंकि आए दिन हमारे सामने देश के शहर या गांव आदि के जैन मंदिरों से जैन प्रतिमा चोरी की घटनाएं सामने आती रहती हैं। पुलिस रिपोर्ट भी लिखी जाती है लेकिन प्रतिमा प्राप्ति का परिणाम प्रायः नगण्य ही रहता है। भले ही इस प्रतिमा के विषय में निश्चित रूप से मैं कुछ नहीं कह सकता, मात्र अनुमान लगा सकता हूं लेकिन इस तीर्थंकर प्रतिमाजी को लेकर भी मेरा संदेह कुछ ऐसा ही है। मुझे लगा कि इस विषय पर आप सभी का ध्यान केन्द्रित करना चाहिए और यह बात जन-जन तक पहुंचाना चाहिए। ताकि इस तीर्थंकर प्रतिमा जी को देखकर पूरे देश के कोने-कोने में कहीं भी इस तरह की प्रतिमाजी जैन मंदिर अथवा म्यूज़ियम से गायब हुई हो तो जैनबंधु या पुरातत्त्व विभाग उसे पहचान लें ताकि इसका संज्ञान लिया जा सके।
Website Link –
Alabaster Buddha Statue In The Dhyana Mudra

इस तीर्थंकर प्रतिमा जी की ऊंचाई 19 इंच, चौड़ाई 9 इंच तथा लंबाई 23 इंच है। आप सभी दिये गए वेबसाइट के लिंक पर जाकर HDquality ज़ूम करके भी देख सकते हैं। यदि कोई प्रतिमाजी को पहचान लेता है और यह बात सत्यापित और पुष्ट हो जाती है तो आगे की कार्यवाही की जा सकती है। जो इसका विक्रय या नीलामी कर रहे हैं उन वेबसाइट वालों से इस तीर्थंकर प्रतिमा के स्त्रोत आदि के बारे में जांच की जा सकती है और प्रमाण आदि देकर अथवा अन्य कानूनी कार्यवाही के द्वारा प्रतिमा जी को पुनः भारत लाकर स्थापित किया जा सकता है। खरीदना जैन बंधुओं के लिए चुटकी का खेल हो सकता है लेकिन यह भविष्य के लिए ठीक नहीं होगा । ऐसे में और चोरियां होने की आशंका हो सकती है क्योंकि यह मात्र एक प्रतिमाजी की बात नहीं है बल्कि यह भारत की बहुमूल्य विरासत है, जिसके लिए भारत विश्व में जाना जाता है। यह हमारे देश की प्राचीनतम संस्कृति और पुरातत्त्व संरक्षण पर एक गंभीर प्रश्नचिह्न है। वेबसाइट में दी गयी जानकारी के अनुसार इसका वेबसाइट के ऑफिस पता 1399 Kennedy Rd,Unit 10, 12, 13,Scarborough, ON, M1P 2L6,Ontario,Tel: 416-757-7786,Fax: 416-757-8786,Email: gahomesuperstore@gmail.com है।
मेरी श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा, ग्लोबल महासभा, विश्व जैन संगठन, जैन श्रमण संस्कृति बोर्ड (राजस्थान), दक्षिण भारत जैन सभा, जैन इंटरनेशनल ऑर्गनाइज़ेशन, Jain Association in North America (JAINA), JITO आदि देश- विदेश में कार्य कर रही संस्थाओं आदि से अपील है कि अपनी ओर से यथायोग्य प्रयास करें तथा सम्पूर्ण जैन समाज की तरफ से मेरी भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री तथा विदेशों में स्थापित जैन बंधुओं से अपील है कि इस बात को गंभीरता से लेते हुए इस पर यथासंभव कार्यवाही करें और प्रतिमाजी को पुनः भारत लाने का प्रयत्न करें।
जैन तथा जैनेतर बंधुओं से भी अपील है कि इस सूचना को जन-जन तक पहुंचाने में अपना सहयोग प्रदान करें ताकि यह सूचना उन तक पहुंच सके जो इस प्रतिमाजी से परिचित हों और यह जानते हों कि यह किस जैन मंदिर अथवा म्यूज़ियम में स्थापित थी।

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