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अष्टद्रव्यों से की गई पूजा-अर्चना : तीर्थंकर अजितनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक दिवस हर्षोल्लासपूर्वक मनाया


कस्बे सहित क्षेत्र के चकवाडा, चोरू, नारेड़ा, मंडावरी, मेहंदवास, निमेडा, लसाडिया तथा लदाना कस्बे के जिनालयों में जैन धर्म के दूसरे तीर्थंकर अजितनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत फागी कस्बे के मुनिसुब्रतनाथ जिनालय में प्रातः श्री जी के अभिषेक से हुई। पढ़िए राजाबाबू गोधा की विशेष रिपोर्ट…


फागी। कस्बे सहित क्षेत्र के चकवाडा, चोरू, नारेड़ा, मंडावरी, मेहंदवास, निमेडा, लसाडिया तथा लदाना कस्बे के जिनालयों में जैन धर्म के दूसरे तीर्थंकर अजितनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत फागी कस्बे के मुनिसुब्रतनाथ जिनालय में प्रातः श्री जी के अभिषेक से हुई। इसके बाद समाज की ओर से सामूहिक शांतिधारा की गई, जिसमें अष्टद्रव्यों से पूजा-अर्चना की गई और विभिन्न तीर्थंकरों के अर्घ्य अर्पित किए गए।

कार्यक्रम में जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने बताया कि आचार्य इन्द्रनंदी महाराज, वर्धमान सागर महाराज, सुनिल सागर महाराज, ज्ञान मति माताजी, आर्यिका विशुद्ध मति माताजी, आर्यिका श्रुतमति माताजी, सुबोध मति माताजी, समाधिस्थ आचार्य विद्यासागर महाराज, गुणसागर महाराज सहित कई अन्य आचार्यगण और पूर्वाचार्य मौजूद रहे। इसके बाद, चौबीस तीर्थंकरों और जिनवाणी माता के अर्घ्य अर्पित करने के बाद, जैन धर्म के दूसरे तीर्थंकर देवाधिदेव अजितनाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक का निर्वाण कांड उच्चारण करते हुए जयकारों के साथ सामूहिक रूप से निर्वाण लाडू चढ़ाए गए। इस अवसर पर सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की गई।

समाज के मुन्ना कासलीवाल एवं सुशीला झंडा ने बताया कि अजितनाथ भगवान जैन धर्म के दूसरे तीर्थंकर थे, जिनका जन्म अयोध्या में इक्ष्वांशु वंश के राजा जित शत्रु और रानी विजया के घर हुआ था। उन्होंने सप्तवर्ण वृक्ष के नीचे केवलज्ञान प्राप्त किया। जन्म से ही उन्हें श्रुत ज्ञान, मति ज्ञान, और अवधि ज्ञान प्राप्त हो गया था। उनका चिन्ह हाथी था।

समाज की पिंकी मोदी और मीनाक्षी मोदी ने बताया कि अजितनाथ भगवान ने क्रोध, मान, माया और लोभ जैसे कषायों पर विजय प्राप्त की थी, जिसके कारण उनका नाम अजितनाथ पड़ा।

कार्यक्रम में वयोवृद्ध कपूरचंद नला, मोहनलाल झंडा, भागचंद जैन टीबा, महावीर कठमाना, हरकचंद झंडा, सोभाग सिंघल, भागचंद कासलीवाल, पारस चौधरी, रमेश बजाज, महावीर बजाज, महावीर मोदी, महेंद्र गोधा, विमल कलवाड़ा, कमल झंडा, विनोद झंडा, पदम टीबा, अभिषेक हांडी गांव, मनीष गोधा, अंकित सिंघल, कमलेश चौधरी, राजाबाबू गोधा और संतरा झंडा, कमला कासलीवाल, मुन्ना कासलीवाल, हेमलता बजाज, शोभा झंडा, संगीता डेठानी, मंजू झंडा, पर्युषणा झंडा, ललिता कलवाड़ा, आशा मोदी, रीना बजाज, मीनाक्षी मोदी, पिंकी मोदी, और सुशीला झंडा सहित सभी श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।

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