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आठ दिवसीय सिद्ध चक्र महामंडल विश्व शांति महायज्ञ विधान का हुआ शुभारंभः पूज्य जैन संत 108 सुयश सागर के सानिध्य में भक्ति भाव के साथ बही धर्म प्रभावना


श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान व विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन मुनि श्री 108 सुयश सागर जी महाराज के सानिध्य में हो रहा है। 8 दिन तक चलने वाले इस विधान का शुभारंभ घटयात्रा के साथ हुआ। जो नगर भ्रमण कर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचा। पढ़िए झुमरी तलैया से मीडिया प्रभारी राजकुमार अजमेरा,नवीन जैन की यह खबर…


झुमरी तलैया। श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान व विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन श्री दिगंबर जैन समाज की ओर से 7 से 13 नवंबर तक श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर के पास प्रांगण में किया जा रहा है। यह आयोजन मुनि श्री 108 सुयश सागर जी महाराज के सानिध्य में हो रहा है। 8 दिन तक चलने वाले इस विधान का शुभारंभ गुरुवार सुबह 6.30 बजे घटयात्रा के साथ हुआ। जो नगर भ्रमण कर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचा। जहां भगवान के माता-पिता बनने का सौभाग्य स्थानीय जैन जय कुमार-त्रिशाला गंगवाल ने लिया। ध्वजारोहण के साथ विधान की क्रिया प्रारंभ हुई।

सर्व प्रथम सौधर्म इंद्र और विधान पुण्यार्जक ललित-नीलम सेठी के द्वारा अभिषेक शांतिधारा के साथ भूमि शुद्धि करते हुए सभी इंद्रों का सकलीकरण किया गया इसके साथ ही इस विधान मे आठ अर्घ्य,16 अर्घ्य के साथ श्री चरणों में श्रीफल समर्पित किया गया। इस अवसर पर मुनि श्री 108 सुयश सागर जी ने कहा कि सिद्धचक्र महामंडल विधान ऐसा अनुष्ठान है, जो हमारे जीवन के समस्त पाप-ताप और संताप को नष्ट कर देता है। यह विधान भक्ति के माध्यम से कर्म चक्र को तोड़कर मोक्ष प्राप्ति करने का मार्ग है।

और अर्घ्य समर्पण करने से मन मंे एकाग्रता आती है और ये सिद्धचक्र विधान सिद्ध फल के साथ सुख शांति स्वास्थ्य समृद्धि सफलता और पुण्य प्रसून देने वाली है। कई बार तो पुण्य तो इतना तीव्र होता है उसे संभालना मुश्किल होता है, जो पुण्य को संभाल लेता है। वह अपने परिणामों को भी संभाल लेता है। यह क्षमता हम सबके पास है। विधान में रात्रि में प्रतिदिन मुनि श्री के मुखारविंद से णमोकार चालीसा के साथ सुरेंद-सरिता काला परिवार के साथ चंदना ग्रुप के द्वारा भव्य आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।

होंगे विविध धर्ममय आयोजन

नित्य कार्यक्रमों कीं श्रृंखला में मंडप का शुद्धिकरण, देव अर्चना, देव निमंत्रण, आचार्य निमंत्रण, गुरु निमंत्रण, अभिषेक शांतिधारा के बाद मुनिश्री का उद्बोधन होगा। रात्रि में णमोकार चालीसा भव्य आरती सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। विधान में प्रतिष्ठाचार्य स्थानीय विद्वान पंडित अभिषेक जी शास्त्री, सुबोध-आशा गंगवाल की मुख्य भूमिका रहेगी।

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