वागड़ मेवाड़ के सबसे बड़े भगवान श्री मुनिसुव्रतनाथ की प्रतिमा का आगमन 24 अक्टूबर को होगा। शनि ग्रह अरिष्ट निवारक भगवान मुनिसुव्रतनाथ का भव्य मंदिर धर्म नगरी नौगामा में आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के आशीर्वाद, निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव सुधासागरजी महाराज के सानिध्य और प्रतिष्ठाचार्य प्रदीप भैया सुयश अशोकर नगर के दिशा-निर्देशन में बनने जा रहा है। पढ़िए सुरेश चंद्र गांधी की रिपोर्ट…
नौगामा। वागड़ मेवाड़ के सबसे बड़े भगवान श्री मुनिसुव्रतनाथ की प्रतिमा का आगमन 24 अक्टूबर को होगा। शनि ग्रह अरिष्ट निवारक भगवान मुनिसुव्रतनाथ का भव्य मंदिर धर्म नगरी नौगामा में आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के आशीर्वाद, निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव सुधासागरजी महाराज के सानिध्य और प्रतिष्ठाचार्य प्रदीप भैया सुयश अशोकर नगर के दिशा-निर्देशन में बनने जा रहा है। वास्तुविद श्रीपाल जैन और प्रवक्ता सुरेश गांधी ने बताया कि 20वें तीर्थंकर भगवान का सागर के भाग्योदय तीर्थ से विहार 20 अक्टूबर को होगा, जिनका मार्ग में जगह-जगह स्वागत किया जाएगा।
प्रतिमा पुण्यार्जक परिवार के प्रदीप पिण्डारमिया ने बताया कि 22 अक्टूबर को प्रात: 7 बजे वागड़ में पहली बार प्रवेश करने वाले सबसे बड़े भगवान की मूर्ति की भव्य अगवानी कागदी पर होगी। वहां से जुलूस के रूप में कलेक्ट्री चौराहे पर पहुंचेंगे, जहां जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और प्रशासन द्वारा अगवानी की जाएगी। उसके बाद पुराना बस स्टैंड, कस्टम चौराहा, बाहुबली मेन रोड आदि स्थानों पर श्रद्धालु स्वागत करेंगे। खांदु कॉलोनी में प्रवेश पर आर्यिका विज्ञानमति माताजी के सानिध्य में खांदु कॉलोनी जैन समाज द्वारा अगवानी की जाएगी और सुबह 9 से 12 बजे तक खांदु में शहर के श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मूर्ति रहेगी। इसके बाद, डेढ़ बजे से साढ़े तीन बजे तलवावड़ा विहार होगा, जहां मुनि श्री अजीतसागरजी महाराज के सानिध्य में समाज द्वारा स्वागत होगा। साढ़े चार बजे वीरोदय जुलूस जाएगा, जहां रात्री विश्राम और भव्य भक्ति का आयोजन होगा।
23 अक्टूबर को प्रात: 7 बजे वीरोदय से बडोदिया जुलूस पहुंचेगा, जहां आर्यिका सुयशमति माताजी ससंघ के सानिध्य में समाज द्वारा अगवानी की जाएगी और साढ़े 11 बजे तक दर्शन के लिए बडोदिया में रहेगी। 1 बजे से 3 बजे तक कलिंजरा में और साढ़े तीन बजे बागीदौरा अगवानी होगी, जहां रात्रि विश्राम और भक्ति का आयोजन मैन चौराहे पर होगा। 24 अक्टूबर को सुबह 6 बजे पूरे वागड़ के श्रद्धालुओं के भव्य जुलूस के साथ सुखोदय तीर्थ पर भगवान पहुंचकर लगभग 12 बजे आर्यिका पवित्रमति माताजी ससंघ के सानिध्य में प्रतिष्ठाचार्य प्रदीप भैया के दिशा-निर्देशन में मंदिर के अंदर से मध्य भाग से विशेष क्रेन के माध्यम से 108 फीट ऊंचाई पर हवा में भगवान को 9 मिनट तक स्थिर किया जाएगा।
यह नजारा विशेष होगा, क्योंकि शनि ग्रह अरिष्ट निवारक भगवान मुनिसुव्रतनाथ की प्रतिमा हवा में चारों दिशाओं में खुशहाली की दृष्टि बरसाएगी। उस दौरान ड्रोन से रत्नों की वर्षा होगी। श्रीपाल जैन ने बताया कि भगवान के विराजमान होने का दृश्य विभिन्न चैनलों के माध्यम से चौपन देशों में प्रसारित किया जाएगा। इसके लिए नौगामा जैन समाज ने तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं।
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