जैन समाज में आचार्य विद्या सागरजी एवं आचार्य ज्ञान सागरजी जैसे संत हुए हैं। जैन धर्म का मूल सिद्धांत अहिंसा परमो धर्म एवं जियो और जीने दो है। गुरुनाम गुरु पंडित गोपालदासजी वरैया जैसे महान व्यक्तित्व के धनी जैसे लोगों ने जैन समाज को गौरवान्वित किया है। आज उनकी 159वीं जयंती पर उन्हें याद करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। पढ़िए मुरैना से मनोज जैन नायक की यह पूरी खबर…
मुरैना। जैन धर्म का मूल सिद्धांत अहिंसा परमो धर्म एवं जियो ओर जीने दो है। जैन धर्म के अनुयायियों के त्याग और समर्पण की भावना पाई जाती है। जैन समाज में आचार्य विद्या सागरजी एवं आचार्य ज्ञान सागरजी जैसे संत हुए हैं। गुरुनाम गुरु पंडित गोपालदासजी वरैया जैसे महान व्यक्तित्व के धनी जैसे लोगों ने जैन समाज को गौरवान्वित किया है। आज हम सभी मुरैना के जैन संस्कृत विद्यालय के संस्थापक श्री वरैयाजी की 159वीं जयंती पर उन्हें याद करते हुए अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उक्त उद्गार पंडित गोपालदास वरैया जन्म जयंती समारोह में मुख्य अथिति मुरैना जिला शिक्षा अधिकारी सुधीरकुमार सक्सैना ने व्यक्त किए।
शॉल, श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित
विद्यालय परिवार के उपमंत्री सुरेशचंद जैन बाबूजी द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार समारोह के शुभारंभ में जिला शिक्षा अधिकारी सुधीरकुमार सक्सैना, जिला संस्कृत प्रभारी भूपेंद्र घुरैया एवं गणमान्य अतिथियों ने पंडित गोपालदास वरैया की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया। इस अवसर पर श्री गोपाल दिगंबर जैन सिद्धांत संस्कृत विद्यालय परिवार ने मुख्य अतिथि सुधीर कुमार सक्सैना जिला शिक्षा अधिकारी, भूपेंद्र घुरैया जिला संस्कृत प्रभारी को शॉल, श्रीफल एवं प्रशस्ति-पत्र द्वारा सम्मानित किया। बड़ा जैन मंदिर के अध्यक्ष प्राचार्य अनिल जैन, टिकटोली के अध्यक्ष राजेंद्र भंडारी ने प्रशस्ति पत्रों का वाचन किया।
पूर्व छात्र को सम्मानित किया गया
जैन संस्कृत विद्यालय की पूर्व परम्परा के अनुसार प्रतिवर्ष विद्यालय में अध्ययनरत एक छात्र का सम्मान किया जाता है। इस वर्ष विद्यालय के पूर्व छात्र जैन विद्वत् अरविंद कुमार जैन (गुलगंज) रुड़की को शॉल, श्रीफल, मणिमाला, प्रशस्ति-पत्र, स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया। उनके प्रशस्ति-पत्र का वाचन विद्यालय के प्राचार्य चक्रेश जैन शास्त्री ने किया। कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यालय परिवार के कोषाध्यक्ष एडवोकेट दिनेशचंद जैन वरैया एवं प्रतिष्ठाचार्य राजेंद्र जैन शास्त्री मंगरोनी ने आभार व्यक्त किया। मंचासीन सभी अतिथियों का सम्मान विद्यालय परिवार एवं उपस्थित समाज बंधुओं द्वारा किया गया।
संस्मरणों से गुणगान किया
जैन संस्कृत विद्यालय के संस्थापक श्री गोपालदास वरैया की 159वीं जन्म जयंती समारोह में पूर्व प्राचार्य पंडित महेन्द्रकुमार शास्त्री, विद्वत अरविंद जैन रुड़की, जवाहरलाल वरैया, प्रतिष्ठाचार्य राजेंद्र शास्त्री मंगरोनी, मुन्नीदेवी साहुला, राजेंद्र जैन वैद्यजी, ने पूज्य वरैयाजी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए अनेकों संस्मरणों के माध्यम से उनका गुणगान किया।
समाजजनों की उत्साहपूर्ण उपस्थिति
इस अवसर पर विजय सिंह तोमर, मनोज जैन बरेह कार्यवाहक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष प्रेमचंद जैन वंदना साड़ी, सुनील जैन लोहिया ग्वालियर, शेखर जैन अध्यक्ष, अमर जैन मंत्री पल्लीवाल जैन मंदिर, सुरेश चंद्र जैन बाबूजी संयुक्त मंत्री, पंकज जैन मेडिकल, मनोज नायक मीडिया प्रभारी, राजेंद्र जैन दयेरी, मुकेश जैन पलपुरा संयोजक महावीर जयंती, विनोद जैन तार, वीरेंद्र जैन कोषाध्यक्ष, रमाशंकर जैन नायक, एडवोकेट द्वारका प्रसाद जैन, राजकुमार वरैया, अजीत बरेया, राकेश जैन घी, दिलीप गंगवाल, गुलशन जैन, विमल जैन, शैलू जैन सर्राफ, अनिल जैन गढ़ी, महावीर जैन बरेथा, अनिल जैन बरेह, विजय जैन, मनीष जैन, जितेंद्र मैनेजर, चंद्रकांता जैन, विद्यालय के छात्रगण सहित सैकड़ों की संख्या में साधर्मी बंधुवर एवं मातृशक्ति उपस्थित थीं।
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