प्रज्ञाश्रमण आचार्य श्री देवनंदीजी गुरुदेव 5 महीने के विहार के बाद णमोकार तीर्थ पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर आचार्य श्री मयंक सागर जी गुरुदेव से मंगल मिलन हुआ। गुरुदेव के महाप्रवेश के दौरान 27 अलग-अलग राज्यों की पारंपरिक वेशभूषा में 27 द्वारों पर खड़े होकर 108 दंपतियों द्वारा पाद प्रक्षालन किया गया। पढ़िए यह विशेष रिपोर्ट…
णमोकार तीर्थ। प्रज्ञाश्रमण आचार्य श्री देवनंदीजी गुरुदेव 5 महीने के विहार के बाद णमोकार तीर्थ पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर आचार्य श्री मयंक सागर जी गुरुदेव से मंगल मिलन हुआ। गुरुदेव के महाप्रवेश के दौरान 27 अलग-अलग राज्यों की पारंपरिक वेशभूषा में 27 द्वारों पर खड़े होकर 108 दंपतियों द्वारा पाद प्रक्षालन किया गया, जो इस आयोजन की विशेषता थी।
गुरुदेव के स्वागत के लिए आसपास के शहरों से हजारों श्रद्धालु उपस्थित हुए। यह आगमन इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि णमोकार तीर्थ का अंतरराष्ट्रीय पंचकल्यणाक महोत्सव 6 फरवरी से 13 फरवरी 2026 तक आयोजित होने जा रहा है। गुरुदेव के आगमन से तीर्थ के कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है, जिससे भक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
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