विश्व वन्य जीव दिवस के अवसर पर करुणा इंटरनेशनल के तत्वावधान में करुणा क्लबों के माध्यम से बच्चों को वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए जागरूक किया गया। बच्चों ने संकल्प लिया कि वह वन्य जीवों के संरक्षण के लिए आगे रहेंगे। इस अवसर पर बच्चों और पदाधिकारियों ने अपने विचार भी रखे। ललितपुर से पढ़िए यह खबर…
ललितपुर। विश्व वन्यजीव दिवस 3 मार्च को मनाया जाता है। इसका मकसद वन्यजीवों और उनके प्राकृतिक आवासों के संरक्षण के महत्व को बढ़ावा देना है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से साल 2013 में इसकी शुरुआत की गई थी। तब से हर साल मनाया जा रहा है। वन्यजीव सिर्फ प्रकृति का हिस्सा नहीं हैं,बल्कि हमारे जीवन के लिए भी अनमोल हैं। विश्व वन्य जीव दिवस के अवसर पर करुणा इंटरनेशनल के तत्वावधान में करुणा क्लबों के माध्यम से बच्चों को वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए जागरूक किया गया।बच्चों ने संकल्प लिया कि वह वन्य जीवों के संरक्षण के लिए आगे रहेंगे।
वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में जागरूकता जरूरी
करुणा केंद्र के अध्यक्ष अक्षय अलया और संयोजक पुष्पेंद्र जैन ने बताया कि विश्व स्तर पर प्रत्येक वर्ष 3 मार्च को पृथ्वी पर मौजूद वन्य जीवों और वनस्पतियों की सुंदरता और विविधता के महत्व की जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष विश्व वन्यजीव दिवस मनाया जाता है। विश्व वन्यजीव दिवस का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर वन्यजीवों के संरक्षण की दिशा में जागरूकता, सहयोग और समन्वय स्थापित करना है। साथ ही यह दिन वन्य जीवों और वनस्पतियों के संरक्षण से पृथ्वी पर रहने वाले लोगों को मिलने वाले लाभ के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भी मनाया जाता है।
वन्य जीवों के संरक्षण का दिन: राधाचरण
करुणा क्लब के सदस्य राधाचरण झा का कहना है कि विश्व वन्य जीव दिवस वन्यजीवों के खिलाफ होने वाले अपराध और मानव द्वारा उत्पन्न विभिन्न व्यापक आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों के कारण प्रजातियों की घटती कमी के खिलाफ लड़ने की जरुरत की याद दिलाता है। यह दिन जीव-जंतुओं को याद करने का दिन है। वन्यजीवों को याद करके उनके संरक्षण के लिए हमें आगे आना होगा। तभी जीव जंतुओं का संरक्षण होगा।
वर्तमान में वन्य जीवों का संरक्षण जरूरी: रौनक
छात्रा रौनक का कहना कि प्रकृति मानव जीवन का आधार है। मनुष्य सभ्यता के विकास से ही प्रकृति पर निर्भर है और प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग करता है।मानव ने प्राकृतिक संसाधनों और जीव-जंतुओं का शिकार इस हद तक किया गया कि वह विलुप्त होने की कगार पर है और कुछ तो विलुप्त भी हो गए। जीव-जंतुओं की सुरक्षा करेंगे। तभी उनका संरक्षण होगा।
जागरूकता से ही बचेंगे जीव-जंतु: नित्या
नित्या चौरसिया का कहना है कि प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। जिससे प्रकृति में नकारात्मक बदलाव हो रहा है और ग्लोबल वार्मिंग जैसे भयावह परिणाम देखने को मिल रहे हैं। वन्य प्राणियों की सैकड़ों प्रजातियाँ आज लुप्त होने की कगार में हैं। ऐसी परिस्थिति में प्रकृति और वन्य जीव जंतुओं की रक्षा के लिए विश्व वन्यजीव दिवस मनाना बहुत जरूरी हो जाता है। जिससे पूरी दुनियां को प्रकृति और वन्य जीवों के संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा सके।
मूक प्राणियों का करें संरक्षण: देवांश
देवांश जैन का कहना है कि पर्यावरण के बदलते हुए परिणामों के कारण वातावरण पर भी प्रभाव पड रहा है। गर्मी के मौसम में मनुष्य को स्वयं की सुरक्षा के साथ-साथ पशु-पक्षियों की सुरक्षा करनी चाहिए। हमें मूक प्राणियों को सहारा देकर उनका संरक्षण करना चाहिए।
वन्य जीवों का करें संरक्षण: महिमा
करुणा क्लब की सदस्य छात्रा महिमा का कहना है कि इंसानों की आबादी बढ़ने के साथ ही जंगल कम हुए हैं। पर्यावरण भी बदल रहा है। बदलते पर्यावरण के कारण वन्यजीव विलुप्त होने की कगार पर हैं। अगर इन्हें अभी नहीं बचाया गया तो वे इस धरती से खत्म हो जाएंगे। इसके चलते आम लोगों के बीच जंगल और इसमें रहने वाले जानवरों को लेकर जागरूकता फैलाना जरूरी है। विश्व वन्यजीव दिवस के दिन यह काम पूरी दुनिया में किया जाता है।
संस्था बच्चों को दे रही संरक्षण का संदेश: पुष्पेंद्र
करुणा इंटरनेशनल ललितपुर के संयोजक पुष्पेंद्र जैन बताते हैं कि भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड चेन्नई से मान्य संस्था करुणा इंटरनेशनल पिछले 30 वर्षों से विद्यालयी बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जीव-जंतुओं के संरक्षण का भी संदेश दे रही है। करुणा इंटरनेशनल के प्रशिक्षण संबंधी पाठ्यक्रम में जीव-जंतुओं के संरक्षण को भी शामिल किया गया है।
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