इंदौर. राजेश जैन दद्दू । श्री नेमिनाथ जिन बिंब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत रविवार को ज्ञान कल्याणक मनाया गया एवं मुनि श्री आदित्य सागर जी, अप्रमित सागर जी मुनि श्री सहज सागर जी ने 108 प्रतिमाओं के कानों में सूरि मंत्र सुना कर उन्हें प्राण प्रतिष्ठित पूज्यनीय प्रतिमा बनाया।
महोत्सव अध्यक्ष हंसमुख गांधी एवं प्रचार प्रमुख राजेश जैन दद्दू ने बताया कि प्रातः कालीन बेला में त्रय मुनिराजों ने विधि विधान के साथ जब शांतिनाथ भगवान की स्फटिक मणि की प्रतिमा के कानों में सूरि मंत्र सुनाया तभी मंदिर के एक छोटे से झरोखे से सूर्य की रश्मियों ने प्रवेश कर प्रतिमा के मस्तक को स्पर्श किया और देखते ही देखते कुछ ही क्षणों में पूरी प्रतिमा का सूर्य की रश्मियों से अभिषेक हो गया।
इस अलौकिक दृश्य को देखने सौधर्म इंद्र विकास जैन, महायज्ञ नायक श्री मनोज बाकलीवाल, कुबेर इंद्र रजनीकांत गांधी, एवं मूर्ति प्रदाता श्री अमित आजाद जैन एवं अशोक अतिशय खासगीवाला सहित महोत्सव के सभी पात्र एवं सैकड़ों की संख्या में महिलाएं एवं पुरुष उपस्थित थे और प्रसन्नता से सरोवार हो शांतिनाथ भगवान एवं मुनि संघ का जय घोष कर रहे थे।
यह दृश्य देखकर मुनि श्री आदित्य सागर जी ने अपने प्रवचन में कहा कि यह दृश्य प्रतिमा में अतिशय होने का प्रतीक है। अतिशय किसी तंत्र मंत्र से नहीं विशुद्धि और श्रद्धा के साथ धार्मिक मांगलिक क्रियाएं संपन्न करने एवं गुरुओं के आशीर्वाद से होता है। उन्होंने कहा कि शुद्धि से विशुद्धि, विशुद्धि से ज्ञान एवं सिद्धि और सिद्धि से प्रसिद्धी प्राप्त होती है ।
महोत्सव के अंतर्गत वस्त्र त्यागकर युवराज नेमिकुमार से मुनि नेमिनाथ बने उनकी आहार चर्या संपन्न हुई। पडगाहन एवं आहार चर्या कराने का सौभाग्य ब्रह्मचारी पियूष भैया के निर्देशन में श्री राकेश प्रियंका शाह ने प्राप्त किया। इस अवसर पर मुनि संघ एवं हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे।
मोक्ष कल्याणक सोमवार
सोमवार को प्रातः 5:30 से नित्य नियम जाप अभिषेक पूजन शांति धारा के पश्चात 7 बजे ऊर्जेयंत पर्वत से नेमी प्रभु का मोक्ष गमन, अग्निकुमार इंद्र द्वारा अग्नि संस्कार, मोक्ष कल्याणक पूजन, मुनि श्री के प्रवचन एवं
श्रीजी की शोभायात्रा निकलेगी।