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सिद्ध चक्र महामंडल विधान में पंच परमेष्ठी का गुणानुवाद कर 512 अर्घ्य चढ़ाए गए : सांस्कृतिक कार्यक्रम में सौधर्म इंद्र सभा का दरबार लगा


श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान पूजन और विश्व शांति महायज्ञ के 9 दिवसीय कार्यक्रम के तहत आज बुधवार को पंच परमेष्ठी भगवान के 512 गुणों का गुणानुवाद कर पंच परमेष्ठी विधान के 512 अर्घ्य चढ़ाए गए। पढ़िए अशोक कुमार जेतावत की रिपोर्ट…


धरियावद। श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान पूजन और विश्व शांति महायज्ञ के 9 दिवसीय कार्यक्रम के तहत आज बुधवार को पंच परमेष्ठी भगवान के 512 गुणों का गुणानुवाद कर पंच परमेष्ठी विधान के 512 अर्घ्य चढ़ाए गए। श्रीफल जैन न्यूज के अशोक कुमार जेतावत ने बताया कि महावीर स्वामी दिगंबर जैन मंदिर में प्रज्ञा श्रमण मुनि पुण्य सागर महाराज ससंघ 19 पिच्छी के सान्निध्य में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रतिष्ठाचार्य हंसमुख जैन, बाल ब्रह्मचारिणी वीणा दीदी, ब्रह्मचारी विकास भैया के निर्देशन में विधानाचार्य भागचंद जैन ‘शास्त्री’ के संचालन में विधान पुण्यार्जक ख्यालीलाल-तिलक देवी (सौधर्म इंद्र-इंद्राणी), प्रवीण-गौरी (श्रीपाल-मैना सुंदरी), राजीव-सपना (धनपति कुबेर) गनोड़िया परिवार सहित 21 जोड़े इंद्र-इंद्राणी परिवारों और श्रावक-श्राविकाओं ने विधान मंडल पर पूजा स्थापना के साथ भक्ति नृत्य एवं भक्तिभाव के साथ विधान पूजन के 512 अर्घ्य चढ़ाए

धर्मसभा में श्रीजी, विधान मंडल की आरती की गई

सांयकाल धर्मसभा में श्रीजी की आरती, विधान मंडल की आरती, मुनि पुण्य सागर की आरती, गुरु वंदना और भक्ति के साथ ही वैयावृति आदि के कार्यक्रम भक्तिभाव पूर्वक संपन्न हुए। रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत सौधर्म इंद्र परिवार की राजसभा का दरबार लगा। इसमें धनपति कुबेर, यज्ञनायक, ईशान इंद्र, महेंद्र इंद्र, कापिष्ठ इंद्र, महाशुक्रेंदु इंद्र, आणत इंद्र, आरणेंद्र इंद्र, चक्रवर्ती, सनत कुमार, ब्रह्मेंद्र, लान्तव, शतार, अच्युतेंदु आदि इंद्र-इंद्राणी परिवारों ने जिज्ञासा समाधान किया। इंद्र सभा दरबार में वार्तालाप के दौरान खूब ठहाके लगे।

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