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सिद्ध चक्र महामंडल विधान का पांचवां दिन : मुनि श्री पुण्य सागर जी महाराज के सान्निध्य में 256 अर्घ्य चढ़ाए गए

धरियावद। धरियावद नगर स्थित दिगंबर जैन महावीर मंदिर में श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान में श्रद्धा और भक्ति से मनाया जा रहा है। प्रज्ञा श्रमण मुनि श्री पुण्य सागर जी महाराज के सान्निध्य में चल रहे इस आयोजन के पांचवें दिन मंगलवार को सिद्ध परमेष्ठी भगवान के गुणों का गुणानुवाद करते हुए विधान मंडल के छठे वलय में 256 अर्घ्य चढ़ाए गए। सौधर्म इंद्र ख्यालीलाल गनोड़िया परिवार एवं अन्य इंद्र-इंद्राणियों ने हरजीत एंड पार्टी की मधुर संगीतमय धुनों पर झूमते हुए प्रभु की आराधना की।

गुरु वंदना के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ

सिद्ध चक्र महामंडल विधान के तहत सुबह संघ सान्निध्य में जिनेंद्र भगवान का अभिषेक और शांतिधारा की गई। इसके बाद मुनि श्री के प्रवचन एवं विभिन्न आयोजन हुए। फिर विधान-पूजन एवं आराधना की गई। सायंकालीन सभा में श्रीजी की आरती, विधान मंडल की आरती, गुरु की आरती-भक्ति, गुरु वंदना के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान मंच कलाकारों की टीम के साथ विधान पुण्यार्जक सौधर्म इंद्र परिवार के सदस्यों ने राजा श्रीपाल और सती रानी मैना सुंदरी के नाटक का प्रभावी रूप से मंचन किया।

सती मैना सुंदरी द्वारा सिद्ध चक्र महामंडल विधान आराधना पूजन के माध्यम से जिनेंद्र भक्ति के प्रभाव से श्रीपाल राजा और सात सौ कोढ़ियों के श्रीजी का गंधोदक छिड़कने से भयंकर कुष्ठ रोग दूर करने की नाटिका का प्रभावी मंचन किया गया और जैन धर्म में श्रद्धा और भक्ति का फल बताया गया।

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