परम पूज्य मुनि श्री अजीत सागर निरागजी, ऐलक विवेक सागर जी महाराज के मंगल प्रवेश के समय घोड़ा, बग्घी, ऊंट, गाड़ी, बैंड-बाजों सहित नवयुग मंडल के युवा जैन धर्म ध्वजाएं साथ लिए चल रहे थे। विशाल घट यात्रा के साथ सिद्ध चक्र विधान का शुभारंभ गुरुवार को किया गया। पढ़िए रमेश चंद्र गांधी की रिपोर्ट…
परतापुर। परम पूज्य मुनि श्री अजीत सागर निरागजी, ऐलक विवेक सागर जी महाराज के मंगल प्रवेश के समय घोड़ा, बग्घी, ऊंट, गाड़ी, बैंड-बाजों सहित नवयुग मंडल के युवा जैन धर्म ध्वजाएं साथ लिए चल रहे थे। विशाल घट यात्रा के साथ सिद्ध चक्र विधान का शुभारंभ गुरुवार को किया गया। आदिनाथ कॉलोनी में मंदिर जी में श्रीजी का अभिषेक, शांतिधारा के पश्चात् पंडाल शुद्धि हेतु 101 कलशों से जल भरकर विशाल शोभायात्रा के साथ मुनिश्री के संघ सहित सिद्ध चक्र विधान मंडल पंडाल पहुंचे। जहां पर मुनि श्री की अगवानी कर पाद प्रक्षालन पुष्पेंद्र जयंतीलाल, विरोधय ट्रस्ट कमेटी अध्यक्ष मोहनलाल जैन, मुकेश गांधी, रमलाल गांधी आदि द्वारा किया गया। जहां प्रतिष्ठा आचार्य सुयश प्रदीप भैया अशोक नगर मध्य प्रदेश, विधानाचार्य रमेश चंद्र गांधी, शैलेंद्र भैया, वीना दीदी के दिशा निर्देशन में सिद्ध चक्र महामंडल विधान का ध्वजा रोहण किया गया।
101 कलशों से पंडाल शुद्धि की गई
ध्वजा रोहण के पश्चात 101 कलशों से पंडाल शुद्धि की गई। मंत्र उच्चारण के साथ श्रीजी को समवशरण में विराजमान किए गए। तत्पश्चात् मंत्र उच्चारण के साथ इंद्र प्रतिष्ठा की क्रियाएं की गई। मुख्य पात्र सो धर्म इंद्र कुबेर इंद्र ईशान इंद्र यज्ञ नायक थे। इस अवसर पर महिलाएं केसरिया वस्त्रों में एवं पुरुष सफेद माला एवं मुकुट धारण किये हुए थे। इस अवसर पर हुमड समाज अध्यक्ष श्रीमान दिनेश जी खोडनिया का आगमन हुआ। उनका हार्दिक स्वागत अभिनंदन किया गया। मुनि श्री के मंगल प्रवचन के बाद, देव शास्त्र गुरु की पूजन के बाद सिद्ध चक्र विधान के आठ अर्घ्य गीतकार राजेश जैन के मधुर स्वर लहरों के साथ चढ़ाए गए। इस अवसर पर विधान करता श्रेष्ठी श्री सुव़ोत पुष्पेंद्र जयंतीलाल ने पधारे हुए। सभी अतिथियों का स्वागत व अभिनंदन किया। शाम को महाआरती की गई। आदरणीय भैया जी के मंगल प्रवचन के बाद दिल्ली से पधारे कलाकारों द्वारा विशेष प्रस्तुति दी गई।
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