जैन शासन के महातीर्थ – वर्तमान 20 तीर्थंकरों की निर्वाण भूमि और अनादि काल से अनंत सिद्धों की भूमि शाश्वत गिरिराज श्री सम्मेद शिखरजी की रक्षा और जैन समाज की महाशक्ति का परिचय देने के लिए अब बैंगलुरू के श्रावकों ने कमान संभाली है ।
खास बात यह है कि दिगम्बर, श्वेताम्बर, मूर्तिपूजक, स्थानकवासी, तेरापंथी- पाचों संप्रदाय मिलकर विशाल शांति और अहिंसा से युक्त महारैली का आयोजन करने जा रहे हैं ।
बैंगलुरू आंदोलन में इन संतों का होगा सानिध्य
पूज्य गुरु युगल मुनि १०८ श्री अमोघर्कीर्ति जी, मुनि श्री अमरर्कीर्ति के मार्गदर्शन में तथा भट्टारक जी, श्री सिद्धांतर्कीर्ति जी, श्री भुवनर्कीर्ति जी, श्री भानुर्कीर्ति जी, श्री लक्ष्मीसेन जी,श्री थवलर्कीति जी के सानिध्य में बुधवार को
प्रात: 7.30 बजे कर्नाटका जैन भवन पर सभी दिगंबर जैन समाज के सदस्य पुरुष, महिला एवं बच्चों के साथ एकत्रित होंगे अल्पाहार के पश्चात सभी जैन बन्धु 8.30 बजें मिलकर रैली निकालेंगे ।
बैंगलुरू में इस तरह होगा आंदोलन
आर रोड, एवेन्यू रोड, आदिनाथ श्वेतंबर चिकपेट मंदिरजी से महारैली में सम्मिलित होकर बी.वी.के आयंगार रोड,आर.टी. स्ट्रीट होते हुए फ्रीडम पार्क पहुंचेगें । फ्रीडम पार्क से सभी समाज के पदाधिकारी गवर्नर हाउस पहुंचकर गवर्नर को ज्ञापन प्रदान करेंगें ।
आंदोलन में आने वाले सभी जैन श्रावकों के लिए ड्रेसकोड दिया गया है । जिसमें पुरुष वर्ग सफेद परिधान में और स्त्रीवर्ग लाल परिधान में रहेंगे । बुधवार को दोपहर 12 बजे तक बैंगलुरू के समस्त जैन व्यापारी अपना कारोबार 12 बजे तक बंद0 रखेंगे ।
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