झुमरीतिलैया. राजकुमार अजमेरा । श्री दिगंबर जैन समाज, झुमरीतिलैया के द्वारा आयोजित विश्व शांति महायज्ञ में रविवार 9 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा पर जैन संत 108 विशल्य सागर गुरुदेव का दीक्षा दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर उनके द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन प्रशासनिक पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि करेंगे। समवशरण कल्पद्रुम महामंडल विश्व शांति यज्ञ के सातवें दिन बहुत ही भक्ति भाव के साथ प्रातः श्रीजी का मंगल विहार, अभिषेक एवं शांति धारा का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने अभिषेक कर पुण्य लाभ लिया।
इसके पश्चात विधान की पूजा ज्योतिषाचार्य अजीत जैन के निर्देशन में प्रारंभ हुई। परम पूज्य मुनि श्री 108 विशल्य सागर जी महाराज ने कहा कि भक्ति, भक्तों को भगवान बना देती है। भक्ति से ही मुक्ति मिलती है। भक्ति करने वाला हमेशा ऊंचाई को प्राप्त करता है। भगवान की भक्ति करने वाला भक्त कभी दुखी नहीं होता। उसके सारे कार्य खुद ही सुलभ होते चले जाते हैं। भगवान की भक्ति करने वाले भक्तों को दर-दर नहीं भटकना पड़ता। भाव विशुद्ध पूर्व की गई भक्ति मुक्ति दिलाने में कारण है। भगवान की भक्ति करने वाला कभी गरीब नहीं होता।
जिनका भाग्य होता है, वही व्यक्ति धर्म कर सकता है। किस्मत वाले ही इस प्रकार के विश्व शांति महायज्ञ कल्पद्रुम विधान में शामिल होकर धर्म लाभ ले सकते हैं। आज विश्व शांति महायज्ञ के मुख्य विधानचार्य ज्योतिषचार्य रायपुर से आये अजित जैन शास्त्री, कविराज अखिलेश जैन बंसल, स्थानीय पंडित अभिषेक जैन, संगीतकार संगीता जैन जबलपुर का स्वागत जैन समाज के अध्यक्ष प्रदीप जैन पांड्या, मंत्री ललित जैन सेठी, संयोजक नरेंद्र झाझंरी, राज छाबड़ा, दिलीप बाकलीवाल, हनुमान पाटनी, किशोर जैन पांड्या दिल्ली, सुशील जैन छाबड़ा, राजीव छाबड़ा, मनोज गंगवाल, चतुर्मास के संयोजक सुरेंद्र काला ने किया। ये जानकारी जैन समाज के मीडिया प्रभारी राजकुमार अजमेरा और नवीन जैन ने दी।