श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर, सिहुंड़ी में मूलचंद जैन के शतायु (शताब्दी वर्ष) पूर्ण होने पर सभी परिवारजनों ने अपनी जन्मस्थली पर जाकर शांतिविधान एवं महाआरती का आयोजन किया। पढ़िए एक रिपोर्ट…
सिहुंडी। श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर, सिहुंड़ी में मूलचंद जैन के शतायु (शताब्दी वर्ष) पूर्ण होने पर सीमा जैन, राजेंद्र जैन, प्रो. जिनेंद्र जैन, शरद जैन सुधांशु, धर्मेंद्र जैन एवं समस्त परिवारजनों ने अपनी जन्मस्थली पर जाकर शांतिविधान एवं महाआरती का आयोजन किया। मंत्री विमल जैन ने बताया कि सुबह शांति विधान, सायं को भक्तांबर स्तोत्र पाठ, महाआरती एवं भजन संध्या का आयोजन हुआ। यह धार्मिक अनुष्ठान दिगंबर जैन समाज, बरा के अध्यक्ष डॉ. श्रवण जैन महेरिया एवं दरभंगा विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ वीरचंद जैन के मंत्रोच्चारण एवं निर्देशन में पूर्ण हुआ।
अपनी जन्मभूमि के प्रति अपनत्व भाव हो
इस अवसर पर प्रो. जिनेंद्र जैन ने कहा कि सभी को अपनी जन्मभूमि के प्रति अपनत्व भाव होना चाहिए। हर संभव अपनी, जन्मभूमि समाज और संस्कृति के लिए समर्पित होना चाहिए। डॉ. श्रवण जैन ने कहा कि जन्मभूमि के प्रति आस्था होनी चाहिए क्योंकि हमारे अस्तित्व का मूल आधार वही है। पूर्वजों की दी हुई वह अमूल्य धरोहर है, हमें अपनी धरोहर को संजोकर रखना चाहिए। इस अवसर पर श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष संतोष जैन ने सभी आगंतुकों के प्रति कृतज्ञता भाव प्रकट किया। उन्होंने कहा कि आप लोगों के आगमन से स्थानीय जैन समाज को बहुत हर्ष और प्रसन्नता की अनुभूति हुई। जयकुमार जैन ने कहा कि इसी प्रकार सभी को अपनी जन्मभूमि के प्रति तन मन धन से समर्पित होना चाहिए। इस अवसर पर मुन्नीलाल जैन कटनी, तपन जैन विनायक्या, डॉ नीतू जैन जयपुर, श्रद्धा जैन, विमल जैन हरदुआ, खेमचंद जैन, रूपचंद जैन विला, वीरेंद्र जैन, हेमा जैन कटनी, संतोष जैन, नत्थी सांधेलिया सागर, मीना जैन लाडनूं, डॉ मनीष जैन, ऋतु जैन, रीना जैन उदयपुर एवं स्थानीय जैन समाज की पदाधिकारी कोषाध्यक्ष विजय कुमार जैन, पपली जैन बाकल, डॉ. बबलू जैन बहोरीबंद, आदि गणमान्य लोगों ने अनुष्ठान में सम्मिलित होकर धर्मलाभ लिया। कार्यक्रम उपरांत परिवारजनों द्वारा सुप्रीति भोज का आयोजन किया गया। अंत में शरद जैन, सुधांशु धर्मेंद्र जैन ने सभी आगंतुक अतिथियों एवं स्थानीय लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।
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