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श्री कल्पद्रुम महामंडल विधान को लेकर पत्र - 8 : नवग्रह जिनालय की स्थापना के बाद पहली बार देखा ऐसा भव्य कार्यक्रम- नकुल पाटोदी


अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज एवं क्षुल्लक अनुश्रमण सागर महाराज के सानिध्य में श्री दिगम्बर जैन नव ग्रह ग्रेटर बाबा परिसर में 30 दिसंबर 2023 से 7 जनवरी तक श्री कल्पद्रुम महामंडल विधान का आयोजन किया गया। पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए दिए जाने वाले प्रतिष्ठित श्रीफल पत्रकारिता पुरस्कार समारोह का आयोजन भी इसी कार्यक्रम में किया गया। आयोजन के बाद समाज के विभिन्न श्रेष्ठी जनों ने विधान की भव्यता को लेकर मुनि श्री को लिखा है। इसकी आठवीं कड़ी में पढ़िए नकुल पाटोदी के विचार…


जय जिनेंद्र

परम पूज्य पूज्य सागर जी महाराज के सानिध्य में एक ही मंच पर तीन अद्भुत, अद्वितीय, अविस्मरणीय और प्रेरक आयोजन विगत दिनों इंदौर के अतिशय क्षेत्र ग्रेटर बाबा स्थित नवग्रह जिनालय परिसर में सम्पन्न हुए। पहला था श्री कल्पद्रुम महामण्डल विधान। नवग्रह जिनालय की स्थापना के बाद शायद पहली बार इतना बड़ा, भव्य, अनुशासित, सुव्यवस्थित, भव्यातिभव्य डोम में समवशरण में विराजमान होकर नौ दिनों तक भक्ति भाव से विधान किया गया। धर्म प्रभावना ऐसी कि धर्मानुरागियों को मात्र एक रुपए में इंद्र बनकर विधान करने का अवसर मिला। अंतिम दिन हवन कर समापन हुआ।

दूसरा, समापन के अवसर पर पूज्य सागर जी के आशीर्वाद से श्रीफल फाउण्डेशन के ट्रस्टी भरत जैन के सहयोग से पत्रकार सम्मान समारोह हुआ। ऐसे सम्मानीय पत्रकारों, जिनकी कलम इतिहास रचती है, देश के ऐसे ख्यात मूर्द्धन्य पत्रकार मंच पर बैठे थे, वे थे विजय कुमार चौधरी, अनुराग द्वारी, हर्षवर्धन प्रकाश, ताराचंद गवारिया, कप्तान इरशाद, बृजेश राजपूत, राजेश लाहोटी, शशि मोहन, विपुल गुप्ता, माधव शर्मा, अनुपम जैन, सरोज कुमार, अरिहंत जैन। इनसे मंच गौरवान्वित था और लोग जो मेरे आस-पास बैठे थे, वे चर्चा कर रहे थे। विशेषकर डी.के. जैन, महामंत्री सामाजिक संसद का कहना था कि यह आयोजन तो शहर का आयोजन है। किसी बडे़ सभाकक्ष में करने लायक था लेकिन हमारे नरेन्द्र दादा, भरत जैन व महाराज श्री ने ग्रेटर बाबा परिसर नवग्रह जिनालय में करवा कर नए वर्ष में इतिहास रच दिया। महाराज श्री हमेशा मंच पर पांच व्यक्तियों का नाम लेते थे, जिन्होंने प्रारंभ में इस कार्य को करने का मन बनाया था। इस आयोजन से समाज को पांच नए कार्यकर्ता मिले हैं।

तीसरा शकुंतला जीजी और नरेन्द्र वेद जी का सम्मान। हुआ यूं कि परम पूज्य पूज्य सागर जी महाराज ने नरेंद्र दादा को अपनी बहुत दिनों से हो रही प्रबल इच्छा बताई। दादा तो दादा हैं। उन्होंने कहा, करो। आयोजन था श्री कल्पद्रुम महामण्डल विधान, छोटे स्तर पर करना था लेकिन जो काम दादा हाथ में लेते हैं तो वह अपने आप भव्य रूप ले लेता है और वास्तव में कम समय में भव्य आयोजन कर दिखाया। महाराज श्री कह रहे थे कि मेरे जीवन में मैंने नरेन्द्र वेद दादा जैसा आदमी नहीं देखा, ना मिला, किसी काम में ना नहीं, जैसा कि कभी नरेन्द्र दादा की कार्यशैली से प्रभावित होकर आचार्य श्री पुलक सागर जी ने कहा था कि हर शहर में नरेन्द्र वेद होना चाहिए। वहीं नौ दिनों में महसूस किया परम पूज्य पूज्य सागर जी महाराज ने और उन्हीं के सानिध्य में सकल जैन समाज की ओर से शकुंतला वेद व नरेन्द्र वेद का इसी भव्य मंच से चार फीट का प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मान किया गया।

नकुल पिंकी पाटोदी

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