समाचार

सात दिवसीय ढाईद्वीप पंचकल्याणक महोत्सव 20 से: मंगल अनुष्ठानों में 1,164 मनोहारी जिनबिंम्बों की होगी प्रतिष्ठा


सारांश

सात दिवसीय मंगल महोत्सव में हिस्सा लेने बड़ामलहरा से मुमुक्षु मण्डल एवं अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन के 108 जिनशासन सेवक आज इंदौर के लिए रवाना होंगे। अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विद्वान अपनी वाणी से धर्म का उपदेश देंगे। राजेश रागी एवं रत्नेश जैन बकस्वाहा की रिपोर्ट।


बड़ामलहरा। विश्व की अद्वितीय रचना तीर्थधाम ढाईद्वीप जिनायतन का अंतर्राष्ट्रीय पंचकल्याणक महोत्सव कल माघ कृष्ण चतुर्दशी शुक्रवार 20 जनवरी से होने जा रहा है जो आगामी 26 जनवरी 2023 तक चलेगा। बड़ामलहरा सहित संम्पूर्ण विश्व से पधार रहे हजारों जैन बंधुओं की गरिमामय उपस्थिति में यह आयोजन होगा। महा महोत्सव के मीडिया प्रभारी प्रद्युम्न फौजदार दीपकराज जैन एवं महामंत्री एसपी भारिल्ल ने बताया कि सात दिवसीय मंगल महोत्सव में हिस्सा लेने धर्मनगरी बड़ामलहरा से मुमुक्षु मण्डल एवं अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन के 108 जिनशासन सेवक आज इंदौर के लिए रवाना होंगे।

इन तिथियों में ये आयोजन
मंगल अनुष्ठानों में 1,164 मनोहारी जिनबिंम्बों की प्रतिष्ठा,प्रतिष्ठार्य बाल ब्रह्मचारी पण्डित श्री अभिनन्दनजी शास्त्री खनियांंधाना के कुशल मार्गदर्शन में होगी। 20 जनवरी को गर्भ कल्याणक की पूर्व क्रिया, 21 को गर्भ कल्याणक, 22 को जन्म कल्याणक, 23 को तप कल्याणक, 24 ओर 25 को ज्ञान कल्याणक एवं 26 जनवरी को मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाकर सभी मनोहारी जिनबिम्बों की स्थापना की जाएगी।

तीनों समय बहेगी अध्यात्म की गंगा

मंगल महोत्सव में प्रतिदिन सुबह, दोपहर एवं रात्रि तीनों समय अध्यात्म की गंगा बहेगी जिसमें गुरुदेवश्री के मंगल प्रवचनों के साथ अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विद्वान डॉ. हुकमचन्दजी भारिल्ल जयपुर, पं. हेमन्त भाई गांधी सोनगढ़, पं. राजेंद्रकुमारजी जैन जबलपुर, अभयकुमारजी शास्त्री देवलाली, डॉ. संजीवकुमारजी गोधा जयपुर, पं. राजकुमारजी शास्त्री उदयपुर, पं. मनीषजी शास्त्री मेरठ, पं. संजयकुमारजी शास्त्री जेबर कोटा, पं. श्रेणिकजी जैन जबलपुर एवं पं. टोडरमल स्मारक जयपुर के समस्त शास्त्री विद्वतगणों सहित अन्य उच्च कोटि के विद्वानों का समागम प्राप्त होगा।

25 हजार से अधिक श्रावक-श्राविकाएंं पहुंचेंगे ढाईद्वीप जिनायतन

मंगल महोत्सव में धर्मनगरी बड़ामलहरा सहित पूरे विश्व से 25 हजार से अधिक श्रावक-श्राविकाएंं ढाईद्वीप जिनायतन पहुंच रहे हैं। यह महोत्सव कोरोना काल के बाद जिनवाणी तत्त्वरसिक मुमुक्षु समाज का साधर्मी मिलन समारोह के रूप में जाना जाएगा।

आप को यह कंटेंट कैसा लगा अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।
+1
4
+1
0
+1
0

You cannot copy content of this page

× श्रीफल ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें