क्या किसी व्यक्ति का समूचा जीवन बीमारों की तीमारदारी और संत, साहित्य, कला व समाजसेवा को समर्पित रहा हो तो इस प्रश्न का जवाब 78 वर्षीय डॉ. जैनेंद्र जैन के रूप में सामने आया जो आज 26 नवंबर को अवतरित हुए। लोगों को एकजुट करने की क्षमता और उनके सेवा कार्यों ने शहर में उन्हें एक खास पहचान दी है। पढ़िए एक रिपोर्ट...
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