भीलूडा 28 मई,
राजस्थान के सागवाडा जिले के भीलूड़ा में अंतुर्मखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज के सान्निध्य में 15 दिवसीय जैन संस्कार शिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शुक्रवार को शिविर का समापन हुआ। इस अवसर पर मुनि श्री ने कहा कि बच्चों में धार्मिक संस्कार डालना आज के समय में बहुत जरूरी है और यह काम ऐसे धार्मिक शिक्षण शिविरों के माध्यम से ही सम्भव है। मुनिश्री ने कहा कि पूरा विश्व आज कोरोना महामारी से लड़ रहा है और ऐसे समय में आत्मबल बनाए रखने के लिए धार्मिक संस्कार बहुत महत्वपूर्ण हैं।
कोरोना की स्थितियों को देखते हुए यह शिविर आॅनलाइन आयोजित किया गया। जैन संस्कार शिक्षण शिविर के तत्वाधान में 14 मई से 28 मई तक यह शिविर आयोजित किया गया। देश विदेश के करीब 500 लोगों ने अपने घरों में बैठ कर ही 15 दिन तक स्वाध्याय रूपी तपस्या के द्वारा अपने कर्मों के निर्जरा की। शिविर के दौरान प्रत्येक दिन 6 कक्षाएं ऑनलाइन जूम ऐप के माध्यम से संचालित होती थी। प्रत्येक कक्षा 40 मिनट की होती थी इस शिविर में 5 साल से लेकर के 70 साल की आयु के लोगों ने भाग लिया। सभी शिविरार्थीयों ने आजीवन अहिंसा के पथ पर चलने का नियम लिया। इस शिविर में तत्वार्थ सूत्र, इष्टोपदेश, छहढाला, भक्तामर स्त्रोत, आदि महान ग्रंथों का ऑनलाइन घर पर बैठकर ही स्वाध्याय किया गया। शिविर में लोगों को जोड़ने का कार्य सुमित जैन शास्त्री ने किया एवं उन्होंने शिक्षण कार्य को भी कुशलता पूर्वक संभाला।
शिविर में भाग लेने वालों की ऑनलाइन परीक्षा भी ली गई जिसमें प्रथम द्वितीय तृतीय आने वालों को पुरस्कृत किया गया। त्तत्वार्थ सूत्र में संध्या जैन भोपाल प्रथम, सिद्धार्थ दीपिका जैन आवां द्वितीय और ज्योति जैन आवां तृतीय स्थान पर रहे। वहीं इष्टोपदेश में शिवानी जैन जयपुर प्रथम, दीपाली जैन कटनी मध्य प्रदेश द्वितीय और आकांक्षा जैन बुर तृतीय स्थान पर रहे।
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