सारांश
नई दिल्ली। श्री सम्मेद शिखर की स्वतंत्र पहचान और पवित्रता नष्ट करने के लिए झारखण्ड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा ईको सेंसिटिव जोन में वन्य जीव अभ्यारण्य का ‘एक भाग’ और तीर्थ को ‘माना जाता’ लिखकर शास्वत जैन तीर्थ की अनादि काल की स्वतंत्र पहचान नष्ट कर पर्यावरण पर्यटन व गैर धार्मिक गतिविधियों की अनुमति देने वाली 2 अगस्त 2019 की अधिसूचना मात्र 16 स्टोन क्रशर वालों के सुझाव पर जारी की गई।अधिसूचना से पूर्व लोगों की आपत्ति या सुझाव के लिए न तो इसे दो प्रमुख अखबारों और न एक स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित किया और न ही जैन समाज को सूचित किया गया। विश्व जैन संगठन द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में संगठन के अध्यक्ष संजय जैन ने यह आरोप लगाए हैं।
उन्होंने बताया कि पर्वतराज पर वन विभाग की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था न होने के कारण पेड़ों की अवैध कटाई, पत्थरों के अवैध खनन, महुआ के लिए लगाई जाने वाली आग और अवैध दुकानों से पर्यावरण और जीव जंतुओं के नुकसान के साथ प्रतिवर्ष निरंतर घटता वन क्षेत्र वारिश में पत्थरों के दरकने से पर्वत को खतरा पैदा कर रहा है। पर्वत पर जाने वाले यात्रियों का पंजीकरण, सीसीटीवी कैमरों, सामान जांच के लिए सीआरपीएफ और स्कैनर सहित सामान जांच के लिए दो चेक पोस्ट न होने के कारण शास्वत जैन तीर्थ एक पर्यटन स्थल बन गया है, जिस पर पर्यटकों द्वारा धूम्रपान, अभक्ष्य सामग्री के सेवन के साथ फिल्मी गानों पर अश्लील डांस किये जा रहे है।
संगठन द्वारा राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री, केंद्रीय वन मंत्रालय और झारखंड सरकार के राज्यपाल व मुख्यमंत्री को याचिकाएं और पत्र प्रेषित किये गए और 29 मार्च 2022 को सांसद रेवती रमण सिंह द्वारा अन्य छह सासदों के साथ इस विषय को राज्यसभा में उठाया गया लेकिन आज तक कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं की गयी। इसी मामले में अब 11 दिसंबर को प्रात: 11 बजे से दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान सहित सम्पूर्ण भारत में विश्व जैन संगठन द्वारा समस्त जैन समाज और संस्थाओ के सहयोग से अधिसूचना रद्द कराने, पर्वत को अतिक्रमण मुक्त कर पारसनाथ पर्वतराज और मधुबन क्षेत्र को मांस-मदिरा बिक्री मुक्त पवित्र “जैन तीर्थस्थल” घोषित कराने की मांग के लिए विशाल रैलियों और सभाओं के माध्यम से शांतिपूर्ण देशव्यापी श्री सम्मेद शिखर जी बचाओ आन्दोलन किया जायेगा।
संगठन के संरक्षक राजेश जैन, उपाध्यक्ष यश जैन, महामंत्री सुदीप जैन, महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका रूचि जैन, प्रचार मंत्री प्रदीप जैन ने कहा कि झारखण्ड सरकार द्वारा धार्मिक तीर्थों की पवित्रता को पर्यावरण-पर्यटन के नाम पर प्राइवेट कंपनियों को सौंपने का प्रयास स्वीकार नहीं किया जायेगा। राकेश जैन (नमन टैक्सटाइल्स), महेश जैन, प्रधान, अरविन्द जैन (उपाध्यक्ष – राम गली, विश्वास नगर), रवि जैन (जयको प्रिंटर), नीरज जैन, विवेक जैन, पारस जैन (मेरठ), अन्नु जैन (महिला जाग्रति मंच), चंदन जैन, रेखा जैन व रीमा जैन और विभिन्न जैन संस्थाओं के पदाधिकारियों व समाज के गणमान्यों ने झारखंड और केंद्र सरकार से गजट रद्द करने, पर्वतराज के वंदना मार्ग को अतिक्रमण मुक्त कर सामान जांच चेक पोस्ट लगाने और पर्वतराज की पवित्रता के लिए सम्पूर्ण क्षेत्र को मांस-मदिरा मुक्त पवित्र “जैन तीर्थस्थल” अतिशीघ्र घोषित करने की मांग की है।