सारांश
श्रीफल जैन न्यूज़ के लाखों पाठकों-दर्शकों ने सम्मेद शिखरजी पर हमारी चौतरफा कवरेज को देखा है, पढ़ा है । हमें इस बात का गर्व है कि जैन समाज पर आए संकट से लड़ाई में अपनी कलम के साथ अग्रिम पंक्ति में हम खड़े रहे । लेकिन जैन श्रावकों, आंदोलन की धार कुंद नहीं पड़नी चाहिए । अब भले ही सड़कों पर उतरने की जरूरत न हो लेकिन वैचारिक क्रांति के जरिए अपने तीर्थ स्थानों के लिए लगातार बात होनी चाहिए ।
इसीलिए हमने यह मुहिम शुरु की है । पढ़िए विस्तार से…,
जैन समाज की कीर्ति का केन्द्र, हमारा तीर्थ सम्मेद शिखर अब काले घने संकटों के बादलों से तो मुक्त हो गया लेकिन फैसलों की धुंध अभी छंटनी बाकी है । सम्मेद शिखर पर आने वाले वक्त में कोई विवाद नहीं होगा, इसकी गारंटी हमें अभी तक नहीं मिली है ।
प्रशासन स्थानीय आदिवासियों और जैन समुदाय के प्रतिनिधियों के बीच संवाद कर अपनी गलतियों को सुधारने की कोशिश में लगा है । ऐसे में श्रीफल जैन न्यूज़ कैसे अपनी मुहिम को बीच राह में छोड़ सकता है । इसी मुहिम की बदौलत हम जैन समाज की आवाज को बुलंद करने में कामयाब रहे हैं ।
सम्मेद शिखर पर हमारी प्रामाणिक खबरें और समसामयिक विश्लेषणों को लाखों जैन श्रावकों का साथ मिला है । इसी कड़ी में हम बात कर रहे हैं सम्मेद शिखर जैसे तीर्थ स्थानों के भविष्य की परिस्थितियों की, भविष्य की चिंताओं की, भविष्य की योजनाओं की…आज का ये संकट बता गया कि हमसे छल करना किसी को आसान लगे लेकिन जैन समाज की एकजुटता हर छल का जवाब देना जानती है ।
भविष्य की चिंताओं को लेकर श्रीफल जैन न्यूज़ ने एक प्रश्नावली तैयार की है । इस प्रश्नावलियों को कुछ इस स्वरूप में तैयार किया गया है कि इससे भविष्य को लेकर रणनीति बनाई जा सकती है । यहां हम स्पष्ट कर दें कि रणनीति हम नहीं बनाएंगे, हम सिर्फ सेतू का कार्य कर रहे हैं ।
सरकार,जैन समाज की प्रमुख संस्थाएं और आम जैन जनमानस के बीच का सेतू हैं हम …आपसे मिले फीडबैक को हम समाज के प्रबुद्ध लोग, सामाजिक और राजनीतिक नेतृत्व तक पहुंचाएंगे । इसीलिए जिस रूप में आपने सम्मेद शिखर कवरेज को पसंद किया है । हमारी इस मुहिम को भी आप आगे बढ़ाएंगे, इसी विश्वास के साथ करते हैं शुरुआत…
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