जयपुर। जैन धर्म के सबसे बडे तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर में एक होटल में मांसाहार परोसे जाने की बात सामने आई है। इतना ही नहीं इस होटल का नाम होटल पारसनाथ रखा गया है। यह जानकारी सामने आने के बाद पूरे देश के जैन समाज में भारी रोष है।
जैन धर्म के लिए सम्मेद शिखर शाश्वत तीर्थ है जहां से 24 में से 20 तीर्थंकर निर्वाण पधारे है। इनके अलावा कई आचार्यो, मुनियों और साधु-संतो का समाधिमरण भी इसी पावन धरती पर हुआ है। इस पुण्य धरा पर जहां कदम-कदम पर मंदिर है, वहीं एक होटल ऐसा खुला है जहां मांसाहार परोसा जा रहा है। इस होटल का मेन्यू कार्ड सामने आया है, जिसमें कई तरह के मांसाहारी भोजन की जानकारी दी गई है।
इस मामले में सबसे सबसे निंदनीय बात तो यह है कि इस होटल को सम्मेद शिखर में खोलने की अनुमति दी गई जो अंहिसक जैन समाज का सबसे बडा तीर्थ क्षेत्र है। वहीं दूसरी निंदनीय बात यह है कि होटल का नाम पारसनाथ होटल रखा गय है जो जैन धर्म के नाम के 23वें तीर्थंकर का नाम है। यही नहीं सम्मेद शिखर के रेलवे स्टेशन का नाम भी पारसनाथ है। यह जानकारी जैन समाज के सोशल मीडिया ग्रुपों पर काफी वायरल हो रही है और इसका कडा विरोध सामने आ रहा है।
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