सारांश
सम्मेद शिखर पर सरकार के प्रतिनिधियों और जैन समाज के लोगों के बीच बैठक हुई । झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देशों पर हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री के सचिव,पर्यटन सचिव समेत कई अधिकारी शामिल थे । जैन समाज के लोगों ने दो टूक अपनी बात रखी । जानिए बैठक में क्या हुआ, सिर्फ श्रीफल जैन न्यूज़ पर
सम्मेदशिखर । झारखंड में सोरेन सरकार जैन समाज के देशव्यापी आंदोलन से भांपते हुए जैन समाज के साथ व्यापक बैठकें कर समझौते की राह निकालने में लगी है । मुख्यमंत्री के निर्देश पर जैन समाज के प्रतिनिधिमंडल के साथ सरकार की बात हुई । श्रीफल न्यूज़ को विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पर्यटन विभाग ने जैन समाज के प्रतिनिधियों के सामने प्रस्ताव रखा है कि अगर पर्यटन शब्द से आपको आपत्ति है तो पर्यटन विभाग, पर्यटन शब्द के साथ धार्मिक शब्द को और जोड़ने का विकल्प सामने रखा है । लेकिन जैन प्रतिनिधियों को पर्यटन शब्द लगाने पर आपत्ति है । जैन समाज ने इसे धार्मिक स्थल घोषित करने की मांग प्रमुखता से सामने रखी है ।
मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे और पर्यटन सचिव मनोज कुमार की उपस्थिति में हुई इस बैठक में सम्मेद शिखर पर्वत को पर्यटन स्थल से बाहर कर तीर्थ स्थल के रूप में ही अधिसूचना जारी करने पर जोर दिया । दोनों ने आपस में अपनी-अपनी मंशा जाहिर कर दी और दोनों पक्षों की बातें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सामने रखी जाएंगी । इस पर फैसला उनके स्तर पर ही होगा ।
जैन समाज की चिंताएं
जैन समाज यह कहते हुए सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने से वहां पर्यटन गतिविधियां बढ़ जाएंगी । अवांछनीय का विरोध कर रहा है कि इससे वहां मांस-मदिरा का उपयोग शुरू हो जाएगा ।
पर्यटन विभाग का तर्क
पर्यटन विभाग का कहना है कि वहां छोटी-मोटी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए उसे पर्यटन क्षेत्र के रूप में घोषित होना जरूरी है । विभाग ने वहां मांस-मदिरा के उपयोग के आदेश को वहां सख्ती से अनुपालन कराने को लेकर भी जैन समाज को आश्वस्त किया है । जैन समाज को पर्यटन विभाग की ओर से कहा जा रहा है कि वहां कोई बड़ी संरचना विकसित करने की सरकार की कोई योजना है ।
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