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सम्मेद शिखर: अफवाहबाज़ी नहीं, सार्थक संवाद,हमारे साथ…, श्रीफल जैन न्यूज़ ने किया समाज के प्रतिनिधियों से सीधा संवाद


सारांश

सम्मेद शिखर पर पूरे देश में जैन समाज चर्चा कर रहा है । हमारे 24 में से 20 तीर्थंकरों की तपोभूमि पर अगर किसी तरह का संकट आएगा , तो चर्चा अवश्यंभावी है । लेकिन सवाल यह है कि सम्मेद शिखर के लिए वो अकाट्य तर्क किसके पास हैं ? क्योंकि ऐसे मुद्दों में भावनाओँ के साथ तर्कों से बड़ा काम होगा । यही तर्क, समाज को इस मुहिम में जीत दिलाएगा ? वॉट्सएप पर यहां-वहां फार्वर्ड हो रहे मैसेज के बजाए श्रीफल जैन पर भरोसा कीजिए क्योंकि हम लाए हैं सम्मेद शिखर पर एक विश्वसनीय तार्किक चर्चा …जहां भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी के महामंत्री नागपुर से श्री संतोष जैन , दिगंबर जैन समाज के राष्ट्रीय नेता इंदौर से हंसमुख लाल जैन, दिगम्बर जैन महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदयपुर से श्री राजेश शाह से हमने क्रांफेसिंग से सीधा संवाद किया । देखिए और पढ़िए पूरी परिचर्चा …


 

सम्मेद शिखर पर हमारे साथ चर्चा में जुड़े मेहमानों ने संयुक्त रूप से चिंता जताई कि जैन समाज का पावन तीर्थ आज सरकार की नीतियों के चलते संकट में आ रहा है । इसे लेकर जैन समाज भ्रम की स्थिति में हैं क्योंकि सही जानकारी लोगों तक नहीं पहुंच रही । केन्द्र और राज्य सरकार के बीच ये मामला कभी पर्यटन विभाग, कभी वन विभाग के बीच उलझ रहा है, कभी श्रद्धालूओं और स्थानीय लोगों के बीच उलझन पैदा कर रहा है और तो कभी वॉट्सएप पर आधी-अधूरी जानकारियों से अनावश्यक भय और अनिष्ट की आशंकाएं पैदा कर रहा है । असल में सभी को ये समझना होगा कि झारखंड के गिरिडीह में बनी ये पहाड़ी जैन समाज के लिए तो महान तपोभूमि है लेकिन स्थानीय लोगों के लिए भी ये अलग महत्व रखता है । ऐसे में कैसे संतुलन बनेगा, ये तय करना होगा । न श्रद्धालू रूकेंगे और न ही स्थानीय निवासियों को रोका जा सकता है । ऐसे में, सरकारें पर्यटन और ईको सेंसेटिव जोन जैसे नए-नए प्रोजेक्ट ला रही है । जबकि होना यह चाहिए कि इसकी धार्मिक मान्यता और आस्था देखकर इसे जैन समाज का धार्मिक केन्द्र घोषित कर देना चाहिए । परिचर्चा में भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी के महामंत्री नागपुर से श्री संतोष जैन जी ने सम्मेद शिखर-पारसनाथ तीर्थ धाम से जुड़े एतिहासिक तथ्यों की बात सामने रखी । संतोष जी ने कहा कि ये दो सौ,ढ़ाई सौ साल पहले से चला आ रहा मामला है । श्वेताबंर-दिगम्बर का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी जा चुका है । सम्मेद शिखर जी में हमारी व्यथा यह है कि राजा पालगंज ने आनंद-कल्याण जी ट्रस्ट को बेचा था । इसका संचालन श्वेताबंर जैन समाज के पास है । 16 हजार एकड़ में फैला ये पहाड़ बेचते वक्त राजा ने कहा था कि सम्मेद शिखर के टोंक सेलेबल नहीं हैं ।

जब 1958-59 में जब बिहार लैंड एक्ट आया तो सरकार ने पूरी जमीन का अधिग्रहण कर लिया । सम्मेद शिखर को लेकर एक मामला श्वेताबंर और सरकार के बीच का है । यहां को लेकर एक बार राज्य हाईकोर्ट ने कहा कि ये दिंगबर और श्वेताबंरों की कमेटी बनाकर मैनेजमेंट करना चाहिए । 200 साल से जैन श्वेतांबर कमेटी इसका संचालन कर रही है । 1984 में बिहार सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया । जिसमें इस पहाड़ को वाइल्ड लाइफ घोषित किया गया । साढ़े 6 हजार हैक्टर में से साढ़े चार हजार एकड़ की जमीन वाइल्ड लाइफ घोषित हो चुकी है । इसके बाद 2019 में झारखंड सरकार की ओर से एक नया नोटिफिकेशन निकला और हमारी आस्था की पहाड़ी को ईको ट्यूरिज्म सेंटर के रूप में विकसित करने की बात कही गई । जिसमें प्रमुख रूप से पांच प्रावधान थे । जिसमें टोंक से एक किलोमीटर की परिधि को छोड़कर कोटेज,रिसोर्ट,इण्डस्ट्रीज लगाई जा सकती है । जैन समाज का कहना है कि हमारा 2 हजार हैक्टर या एक किमी का ही नहीं, पूरे साढ़े छह हजार हैक्टर का मामला है क्योंकि जैन श्रद्धालू पूरे साढ़े छह हजार एकड में फैले वंदना मार्ग की परिक्रमा करते हुए शिखरजी पर आता है । हम अपनी जमीन को लेकर आश्वस्त हो जाएं फिर झारखंड सरकार से रिक्वेस्ट करेंगें कि पहाड को वाइल्ड लाइफ सेंचुअरी या पूरी तरह तीर्थ क्षेत्र के रूप में घोषित करें । परिचर्चा में वक्ताओं ने कहा कि समन्वय समिति की ओर से नोटिफिकेशन निकल जाएगा । निश्चित कुछ न कुछ हल निकलेगा । पहले झारखंड सरकार का नोटिफिकेशन आएगा, इस आधार पर हमें केन्द्र सरकार से बात करनी होगी । संशोधन, और अनुमोदन की संवैधानिक प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है लेकिन हम आश्वस्त हैं कि हमारा काम हो जाएगा । परिचर्चा में महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश शाह जी ने कहा कि सम्मेद शिखरजी और उसके आस-पास पर्यटक स्थल बनाना गलत है । जैन समाज, अहिंसावादी है । लेकिन प्रभावी आंदोलन चला सकने में सक्षम है । राजेश शाह ने कहा कि संजय जैन अनशन पर बैठे हैं । सभी को एकजुट होकर आंदोलन करना चाहिए । दिगंबर-श्वेताबंर सभी को एक मंच पर आकर अपनी बात रखनी चाहिए अन्यथा सरकार बहुत चतुराई से पहले भी अपना काम कर चुकी हैं और आगे भी हमारी अलग-अलग बातों का फायदा उठाकर मनमानी कर लेगी । परिचर्चा में इंदौर के समाजसेवी और जैन समाज के राष्ट्रीय नेता हंसमुख गांधी जी ने कहा कि सम्मेद शिखर के आस-पास ईको सेंसेटिव जोन बनाया है तो हमें ज्यादा तकलीफ नहीं क्योंकि किसी न किसी रूप में इसकी प्राकृतिकता सुरक्षित रहेगी । इस सिलसिले में लोक अध्यक्ष ओम बिरला जी से मुलाक़ात के बारे में जानकारी देते हुए हंसमुख जैन गांधी ने कहा कि हमें सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं । लेकिन जैन समाज अपना दबाव कम न करें और अनाश्यक अफवाहों से बचा जाए । कार्यक्रम का संचालन प्राची जैन लुहाड़िया ने किया । कार्यक्रम में श्रीफल जैन न्यूज़ से संपादकीय टीम से दीपक जैन ने सभी का आभार व्यक्त किया ।

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