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सम्मेद शिखर :  लोकसभा में गूंज, फैसला वापस हो, लोकसभा में सांसद श्रीरंग अप्पा बारणे ने उठाई मांग

जैन धर्म के लाखों अनुयायियों की आस्था का केन्द्र

 

अशोक जेतावत

महाराष्ट्र की मावल लोकसभा सीट से सांसद श्रीरंग अप्पा बारणे ने सोमवार को लोकसभा में जैन समुदाय की चिंताओं को रखा । सम्मेद शिखर को केन्द्र और राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर इसे पर्यटन का केन्द्र बनाने की घोषणा कर दी है ।

इस घोषणा के बाद से ही देश भर में फैला जैन समुदाय आंदोलित है । सांसद बारणे ने कहा कि सम्मेद शिखर जैन धर्म का अत्यंत प्रमुख तीर्थ क्षेत्र है । जहां 22 तीर्थंकर,साधु-संतों का पावन स्थान है ।

हजारों सालों से यहां जैन समुदाय के लोग अपनी अगाध श्रद्धा व आस्था के चलते आते रहे हैं । हाल ही में झारखंड सरकार ने इसे पर्यटक स्थल घोषित कर दिया है । गजट नोटिफिकेश के बाद एक तरह से यहां पर्यटक स्थल बन ही गया है ।

ऐसे में अहिंसा व शांति के पथ पर चलने वाले जैन समाज को यह लगता है कि पर्यटक स्थल बनाने से यहां की शांति और पवित्रता भंग होगी । सांसद बराणे ने लोकसभा में केन्द्र और राज्य सरकार से अपील की है कि दोनों जैन धर्म की भूमि का आदर करते हुए इसे घोषित न करें ।

सम्मेद शिखर : जैन आश्वासन नहीं, परिणाम चाहते हैं

सम्मेद शिखर पर सकल जैन समुदाय के आश्वासन के बाद केंद्रीय वन मंत्रालय हरकत में आया है । जैन समाज के प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात के बाद अब वन एवं पर्यावरण विभाग के उच्च अधिकारियों ने इसके समाधान के लिए एक सप्ताह का समय लिया है और आश्वासन दिया है ।

लेकिन जैन समुदाय अपनी मांगे पूरी नहीं होने तक पीछे हटने को तैयार नहीं । जैन समुदाय के प्रतिनिधियों की राय है कि मंत्रालय व झारखण्ड सरकार से हमारी मांगो के लिखित कार्यवाही होने तक आंदोलन ज्ञापन के माध्यम से जारी रहेगा और इस सप्ताह में गजट मे कार्यवाही न होने पर 26 दिसंबर से आमरण अनशन आरम्भ होगा ।

आंदोलन तीन महीने टालने की बात दुष्प्रचार का हिस्सा
विश्व जैन संगठन ने आगाह किया है कि कुछ लोग आंदोलन को असफल करने के लिए ये दुष्प्रचार कर रहे हैं, आंदोलन तीन महीने बाद यानि 31 मार्च के बाद होगा । उनके झांसे में न आएं । क्योंकि यह बात सत्य नहीं हैं । विश्व जैन संगठन का कहना है 26 दिसंबर से आमरण अनशन की शुरुआत के साथ ही दिन-ब-दिन जैन समाज का देशव्यापी आंदोलन और तेज होगा ।

कुछ लोग आंदोलन को असफल करने हेतु तीन माह बाद 31 मार्च को आंदोलन करने का प्रचार कर रहे जिसका पुरजोर विरोध है अब सभी मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा चाहे कोई भी कीमत चुकानी पड़े।

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