सारांश
पंचकल्याणक महोत्सव के अवसर पर श्रीफल जैन न्यूज़ ने किशनगढ़ में कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभा रहे समाजसेवी संजय जैन से विशेष चर्चा की। पढ़िए विस्तार से…
श्रीफल जैन न्यूज़ – किशनगढ़ में पंचकल्याणक महोत्सव कैसा आयोजन रहा है ?
संजय जैन पापड़ीवाल – किशनगढ़ में पंचकल्याण महोत्सव, एक अद्भुत,अविस्मरणीय और अकल्पनीय आयोजन रहा । पहले कभी ऐसा आयोजन नहीं हुआ, जिसमें राजसी ठाठ से व्यवस्था की गई। पूरे नगर को जयपुर के जौहरी बाजार की तरह पूरे किशनगढ़ शहर को सजाया गया। जैन धर्मावलंबियों ने घर-घर रोशनी की । किशनगढ़ में 1300 परिवार यहां निवास करते हैं । सभी के लिए इतने शानदार इंतजाम कभी नहीं देखे गए । पंचकल्याणक महोत्सव में निकली शोभायात्रा बहुत यादगार रही । आम तौर पर जैन धर्मावलंबी ही जुड़े होते हैं लेकिन ये इतिहास में पहली बार हुआ है कि अजैन धर्मावलंबी इससे सीधे तौर पर जुड़ते दिखे। मैंनें कई अजैनी लोगों को देखा जो आचार्य श्री वर्धमान सागर जी के दर्शन मात्र से ही भाव-भक्ति से इतने विभोर हो गए कि शुभाषीश मिलता देख उनकी आंखें झलक आई ।
श्रीफल जैन न्यूज़ – नई पीढ़ी के लिए ऐसे आयोजन कितने महत्वपूर्ण हैं ?
संजय जैन पापड़ीवाल – बच्चों में संस्कारों के बीज तो ऐसे ही आयोजन से पड़ते हैं । जो देव बनें, अष्टकुमारियां बनीं हैं । जिन्होनें भगवान के साथ बाल-क्रीडा की है, एक तरह से उनके कोमल ह्दय में धर्म के बीजों को प्रस्फुटन हुआ है । आगे चल कर यही संस्कारों का वटवृक्ष तैयार करेगा ।
श्रीफल जैन न्यूज़ – पंचकल्याणक का धार्मिक महत्व तो है ही, सामाजिक रूप में क्या महत्व देखते हैं ?
संजय जैन पापड़ीवाल,समाजसेवी – देखिए, हर आयुवर्ग के लोगों को इस आयोजन ने एकजुट किया है । हर घर-घर में उत्सव है, सभी ने अपने रिश्तेदार,बहन,बेटियों को आमंत्रित किया है । समाज के लिए भव्य आयोजन, अन्य समाजों में कई विकृतियां देखने को मिलती हैं लेकिन जैन समाज ने यहां एकजुटता,संस्कृति का इतिहास रचा है । अगर कोई समस्या होती है तो व्यक्ति सीधे आयोजक मंडल के संपर्क में आता है और तुरंत समाधान हो जाता है । इस महोत्सव ने किशनगढ़ में जैन व अजैनी परिवारों के एकसूत्र में पिरोया है, यही इसका सामाजिक महत्व है ।
श्रीफल जैन न्यूज़ – आचार्य वर्धमान सागर जी के प्रवचनों के दौरान कोई यादगार पल आया हो, उसके बारे में बताएं ?
संजय जैन पापड़ीवाल, समाजसेवी – वैसे तो आचार्य जी का हर वाक्य अपने आप में एक संदेश है । लेकिन तप कल्याणक के दिन आचार्य श्री ने अपने प्रवचन दिया और प्रवचन में कही गई बातों का ऐसा असर हुआ कि उनके प्रवचन के तुरंत बाद, कई महिला,पुरुषों ने उठकर आचार्य श्री को अपनी दीक्षा का श्रीफल भेंट कर दिया । आचार्य श्री ने भी वात्सल्य दिखाते हुए कहा कि इनकी दीक्षा जल्द ही किशनगढ़ में ही होगी ।
श्रीफल जैन न्यूज़ – आयोजन में किशनगढ़,अजमेर प्रशासन की क्या भूमिका रही ?
संजय जैन पापड़ीवाल – देखिए मुझे लगता है कि आज तक किशनगढ़ में प्रशासन ने जिस तरह जैन समाज के कार्यक्रमों में इंतजाम किए हैं । ऐसा कहीं और शायद ही हुआ होगा । इतना सहयोग, सुरक्षा,साफ-सफाई,रोशनी सब में प्रशासन ने यादगार सहयोग दिया है ।
श्रीफल जैन न्यूज़ – इस आयोजन को श्रीफल जैन न्यूज़ लगातार कवर रहा है, क्या कुछ सुझाव देना चाहेंगे ?
संजय जैन पापड़ीवाल, समाजसेवी – इस आयोजन में श्रीफल जैन न्यूज़ ने जो भूमिका निभाई है वो वाकई सराहनीय है । जैन संस्कृति आधारित पत्रकारिता आपका मिशन है और आपने अपना कर्तव्य जिस तरह निभाया है वो सराहनीय है ।
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