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सुविख्यात मनीषी श्री आत्मानंद सागरजी की संलेखना पूर्वक समाधि हुईः जीवंत जिनवाणी उनकी पहचान बनी थी


श्री आत्मानंद सागर पूर्व नाम पंडित रतनलालजी शास्त्री का बुधवार, को संलेखना पूर्वक समाधि मरण हो गया। पंडित शास्त्रीजी ने शताधिक आचार्यों एवं साधु भगवंतों को शिक्षा दी। जीवंत जिनवाणी कहे जाने वाले पंडित शास्त्रीजी के पुण्य प्रताप की वजह से ही उनकी समाधि हेतु अनेकों साधु भगवंतों का उपदेश और सानिध्य आपको मिलता रहा। पढ़िए इंदौर से सतीश जैन की विशेष रिपोर्ट


इंदौर। श्री आत्मानंद सागर पूर्व नाम पंडित रतनलालजी शास्त्री का बुधवार, 2 अप्रैल 25 की रात्रि 11.15 पर संलेखना पूर्वक समाधि मरण हो गया। आपकी संलेखना समाधि आचार्यश्री समय सागर जी महाराज के निर्देशन में पिछले 58 दिनों से चल रही थी । गुरुवार को प्रातः पूज्य मुनिश्री आदित्य सागरजी महाराजजी भी ससंघ यहां पधारे थे। पंडित शास्त्रीजी ने शताधिक आचार्यों एवं साधु भगवंतों को शिक्षा दी।

जीवंत जिनवाणी उनकी पहचान थी 

जीवंत जिनवाणी कहे जाने वाले पंडित शास्त्रीजी के पुण्य प्रताप की वजह से ही उनकी समाधि हेतु अनेकों साधु भगवंतों का उपदेश और सानिध्य आपको मिलता रहा। पूज्य मुनि श्री निर्णय सागरजी एवं महिमा सागरजी महाराज के साथ ही बहुत अधिक संख्या में त्यागी वृत्तियों के सानिध्य में आपने अंतिम सांस ली। वे ज्ञान के महासागर थे। पंडित शास्त्रीजी ने अपने सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान, सम्यक चारित्र से एक नई पहचान दी। हम सभी दिवंगत आत्मा के लिए प्रार्थना करते हैं और भावना भाते हैं कि उन्हें अपने अभीष्ट की प्राप्ति हो और वे सिद्ध शिला तक पहुंच करके अपने कर्तव्य/पुरुषार्थ को संपूर्ण कर सकें।

श्रद्धालुओं ने डोले के दर्शनकर श्रीफल चढ़ाए

दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष श्री राजकुमार पाटोदी ने बताया कि उनका अंतिम महायात्रा डोला गुरुवार 3 अप्रैल को प्रातः 8.00 बजे समवशरण मंदिर से महावीर कीर्ति स्तंभ रीगल चौराहा, किशनपुरा होते हुए गोमटगिरी पहुंचा। रास्तेभर श्रद्धालुओं ने डोले के दर्शनकर श्रीफल चढ़ाएं। अंतिम क्रिया समाज के अध्यक्ष श्री राजकुमार पाटोदी के साथ ही शास्त्रीजी के परिवारजनो से प्रारंभ करायी गई।’

समाजजनों की अनुकरणीय उपस्थिति

इस अवसर पर बाल ब्रह्मचारी अनिल भैया, अशोक भैया, अभय भैया ,सुनील भैया, जिनेश-सुरेश मलैया, तरुण भैया, अमित भैया के साथ ही समाज श्रेष्ठी अमित कासलीवाल, कमलेश कासलीवाल (इंद्र भवन), एम के जैन,राकेश विनायका, मुकेश पाटोदी, हंसमुख गांधी, डी के जैन (रिटायर्ड डीएसपी) धर्मेंद्र जैन, संजय जैन अहिंसा, भरत मोदी, नकुल पाटोदी, रानी-अशोक डोसी, सुभाष सामरिया परिवार, तल्लीन बड़जात्या, सौरभ पाटोदी, डॉक्टर सुशीला सालगिया सहित बहुत अधिक संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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