कोई भी शुभ कार्य करने से पहले प्राणी मंगल लिखता है, मंगल बोलता है। सांसारिक कार्यों को करने से पूर्व हम मंगल मंगल करते है, बोलते हैं किंतु हम अपने जीवन को यानि कि अपनी आत्मा को मंगल नहीं बनाते। सभी प्राणी अपने इष्टदेव का, अपने गुरुओं का स्मरण, भजन पूजन केवल जिव्हा से करते है, मन से नहीं करते। ऐसा करने से आत्मा का मंगल नहीं होगा। जब तक मंगल का अर्थ आत्मा में नहीं उतरेगा, तब तक कुछ नहीं होगा। उक्त उद्गार अभिक्षण ज्ञानोपयोगी जैनाचार्य वसुनंदीजी महाराज ने संबोधित करते हुए व्यक्त किए। पढ़िए मुरैना से मनोज जैन नायक की यह पूरी खबर…
मुरैना। सांसारिक प्राणी अपने जीवन को मंगल करने के लिए पूजा पाठ, जाप अनुष्ठान आदि करता है। जब तक मंगल का अर्थ आत्मा में नहीं उतरेगा, तब तक कुछ नहीं होगा। उक्त उद्गार जैनाचार्य वसुनंदीजी महाराज ने श्री महावीर दिगंबर जैन नसियाजी मंदिर में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। धर्म के सार को समझाते हुए पूज्य गुरुदेव ने कहा कि धर्म को खतरा अधर्मियों या पापियों से नहीं हैं। अधर्मी या पापी लोग किसी भी धार्मिक कार्य में रुचि नहीं रखते, वे अपने घर बैठते हैं, इसलिए उनसे धर्म को कोई खतरा नहीं हैं। धर्म को खतरा है नकली धर्मात्माओं से, धर्म को खतरा है दिखावटी धर्मात्माओं से। ऐसे लोग धार्मिक जगहों पर, धार्मिक अनुष्ठानों में नकली धर्मात्मा बनकर धर्म के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं।
मंगलाचरण व पाद प्रक्षालन किया
धर्मसभा के शुभारंभ में मंगलाचरण किया गया। इस अवसर पर पूज्य गुरुदेव का पाद प्रक्षालन करने का सौभाग्य विनोद जैन खड़ियाहार एवं शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य सतीशचंद जैन रतिराम पुरा, वीरेंद्रकुमार आकाश जैन जितवार का पुरा, पदमचंद गौरव जैन चौटावाले, विनोद जैन खड़ियाहार वाले को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का संचालन प्रतिष्ठाचार्य संजय जैन शास्त्री सिहोनिया ने किया।
जिनबिम्बों का महामस्तकाभिषेक
इस अवसर पर श्री नंदीश्वर दीप जिनालय में विराजमान जिनबिम्बों का महामस्तकाभिषेक किया गया। धौलपुर जैन समाज ने अध्यक्ष धनेश जैन एवं मनियां जैन समाज ने सुमन जैन के नेतृत्व में आचार्यश्री को श्रीफल भेंट किया। मुरैना जैन समाज ने पूज्यश्री को श्रीफल भेंटकर आगामी चातुर्मास, मुरैना में करने हेतु निवेदन किया।
वसुनंदीजी महाराज का मंगल प्रवेश
आज प्रातः आचार्यश्री ने अपने 21 शिष्यों के साथ मुरैना नगर में प्रवेश किया। कार्यक्रम से पूर्व पूज्य गुरुदेव आचार्यश्री वसुनंदीजी महाराज का गाजे-बाजे सहित भव्य शोभायात्रा के साथ श्री नसियांजी जैन मंदिर में भव्य मंगल प्रवेश कराया गया। नगर की सीमा पर पहुंचकर जैन समाज के लोगों ने पूज्यश्री की अगवानी की। लोगों ने जगह-जगह पर आचार्यश्री एवं उनके शिष्यों का पाद प्रक्षालन व आरती उतारकर स्वागत किया।
पूज्यश्री के सानिध्य में स्वाध्याय भवन का शुभारंभ
दोपहर में पूज्यश्री को भव्य शोभायात्रा के साथ बड़े जैन मंदिर ले जाया गया। बड़े जैन मंदिर में पूज्यश्री के सानिध्य में स्वाध्याय भवन का शुभारंभ किया गया। पूज्य गुरुदेव ने बड़े जैन मंदिर में धर्मसभा को संबोधित करते हुए सभी को धर्मवृद्धि का आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम के पश्चात शाम को आचार्यश्री ने ज्ञानतीर्थ के लिए पद विहार किया।
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