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श्रीमज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा गजरथ महोत्सव: त्रय गजरथ महोत्सव की परिक्रमा में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

ललितपुर. राजीव सिंघई । कस्बा बांसी में आचार्य श्रेष्ठ 108 विद्यासागर महाराज के आशीर्वाद एवं निर्यापक श्रमण मुनि सुधासागर महाराज के ससंघ सानिध्य में श्रीमज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा गजरथ महोत्सव मेें प्रातःकाल भगवान का मोक्षकल्याणक मनाया गया। मध्यान्ह में श्रीजी को गजरथ में विराजित कर भव्य गजरथ परिक्रमा हुई, जिसमें उपस्थित हजारों धर्मालुओं ने देखकर धर्मलाभ लिया। प्रातःकाल श्रीजी के अभिषेक, शान्तिधारा के उपरान्त नित्यमह पूजन हुआ ।

सुबह 8.10 पर भगवान आदिनाथ को कैलाश पर्वत से मोक्ष प्राप्त हुआ। इस दृश्य को देखने अपार जनसमूह आतुर था। मुनि सुधासागर महाराज ने उपस्थित जनसमुदाय को ध्यान साधना कराई और क्षणभर में ही भगवान आदिनाथ को मोक्ष की प्राप्ति हो गई। प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी प्रदीप भैया सुयश ने भगवान आदिनाथ के मोक्ष के पश्चात कैलाश पर्वत पर अग्निकुमार इन्द्रों द्वारा हवन करवाया।

इसके उपरान्त विश्व शांति महायज्ञ में इन्द्र-इन्द्राणियों ने पूर्ण आहुति दी। इस मौके पर मुनि सुधासागर महाराज ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि पंचकल्याणक महोत्सव में पाषाण से परमात्मा बनाने की प्रक्रिया होती है। तीर्थंकर आदिनाथ ने कर्मों को नाश कर मोक्ष पद को प्राप्त किया और हमें परमात्मा बनने का मार्ग दिखाया।

पंचकल्याण को अपने आचरण में लाने में ही कल्याण है। जिस तरह नशा करने से अघाते नहीं हैं, पाप करने से तृप्ति नहीं होती, उसी तरह धर्म जितना करोगे बढेगा। मध्याह्न में गजरथ परिक्रमा का शुभारंभ हुआ, जिसमें वीर सेवा दल मुगावली का दिव्य घोष आगे-आगे भक्ति धार्मिक धुनों पर चल रहा था।

उसके पीछे हाथियों पर इन्द्र धर्म ध्वजा लिए हुए चल रहे थे। शोभायात्रा में निर्यापक मुनि सुधासागर, मुनि पूज्यसागर, एलक धैयसागर, क्षुल्लक गम्भीर सागर के साथ ब्रह्मचारी भैया एवं बहिनें चल रहे थे। गजरथ पर पुर्ण्याजक परिवार श्रीजी को विराजित कर चल रहे थे जबकि प्रतिष्ठा महोत्सव के प्रमुख पात्र माता-पिता अनिल-कांता जैन, सौधर्म इन्द्र अंकुर-राजुल जैन, कुबेर विजय कुमार -सुमन जैन, महायज्ञ नायक मोहनलाल-मीना जैन, राजा श्रेयांश संतोष रानी जैन, भरत सुरेश चंद-कल्पना जैन, बाहुबली प्रदीप -सीमा जैन, ईशानइन्द्र रोहित-रिचा अलया, सनत इन्द कमलकुमार- अंगूरी जैन, माहेन्द्र चक्रेश-रेखा जैन, ब्रह्म इन्द्र डॉ. जिनेन्द्र, डॉ.प्रेक्षा जैन आदि इन्द्र- इंद्राणी हाथियों द्वारा चलाये जा रहे विशाल रथों पर सवार होकर धर्म ध्वजा चमर ढुराते हुए चल रहे थे।

इसमें ललितपुर दिगम्बर जैन समाज का रजत रथ आकर्षण का केन्द्र रहा। जिसको स्याद्वाद वर्द्धमान सेवा संघ के स्वयंसेवक अपने हाथों से श्रद्धा और भक्ति से साथ खींचकर पुर्ण्याजन कर रहे थे। गजरथ यात्रा के दौरान कुबेर रत्नवृष्टि कर रहे थे। गजरथ परिक्रमा का लाइव प्रसारण ब्रह्मचारी मनोज भैया द्वारा किया जा रहा था। समापन पर अनिल मिठया मोहन मावा परिवार को समाज द्वारा सतभैया सिंघई पदवी से सम्मानित किया।

गजरथ परिक्रमा में आचार्य विद्यासागर व्यायाम शाला, वीर सेवा संघ, आदिनाथ सेवा संघ, बाहुबली सेवा संघ के स्वयंसेवकों के साथ मेला कैप्टन राजकुमार जैन, संजय रसिया, जीवन जैन मिर्चवारा, मनोज जैन बबीना, बंटी जैन बांसी, शैलेन्द्र चौबे का प्रसंशनीय योगदान रहा।

 

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