जयपुर. मनीष गोधा । श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र महावीरजी वात्सल्य वारिधि पूज्य आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज के सान्निध्य में 24 वर्ष बाद हो रहे भगवान महावीर महामस्तकाभिषेक और पंचकल्याण महोत्सव में ईशान इंद्र बनने का परम सौभाग्य मिला है श्री राजेश शाह को।
श्री राजेश शाह राजस्थान के उदयपुर जिले के खैरवाडा कस्बे से दस किलोमीटर दूर स्थित है छाणी ग्राम के रहने वाले हैं। वे सफल व्यवसायी हैं और उनके पुत्र मुम्बई में बिल्डर हैं। श्री राजेश शाह जैन धर्म की प्रभावना में प्राण-प्रण से जुटे हैं। वे अपने ग्राम छाणी में भगवान महावीर के भव्य समवशरण का निर्माण करवा रहे हैं।
सफेद मार्बल से निर्मित हो रहा यह समवशरण पूरे उदयपुर क्षेत्र में अनूठा होगा और इतना बडा होगा कि इसकी पूरी परिक्रमा लगाई जा सकेग और सभी तरफ से इसके दर्शन किए जा सकेंगे। राजेश शाह काफी समय पहले कुवैत चले गए थे और वहां दस साल सफल व्यापार करने के बाद उन्हें खाडी संकट के चलते लौटना पडा था, लेकिन वे अकेले नहीं आए, बल्कि 150 ऐसे लोगों को साथ ले कर आए, जिन्हें काम की जरूरत थी।
इसके बाद यहां आ कर व्यापार किए और आज सफल उद्यमी और व्यवसायी है। राजेश जी अब व्यापार से ज्यादा सेवा कार्य और धर्म से जुडे हुए हैं। वे श्रवणबेलगोला में हुए महामस्तकाभिषेक में काफी सक्रियता से जुडे हुए थे और अब श्री महावीरजी में 24 वर्ष बाद होने जा रहे महामस्तकाभिषेक में ईशान इंद्र बने हैं। उन्हें पंचकल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव का समन्वयक भी बनाया गया है और जनमंगल कलश के आवंटन से भी वे जुडे हुए थे। श्री राजेश शाह विभिन्न संस्थाओ से जुडे हुए है।