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हर्षोल्लास पूर्वक सम्पन्न हुआ पिच्छिका परिवर्तन समारोह

मड़ावरा(प्रियंक जैन सर्राफ)। सकल दिगम्बर जैन समाज मड़ावरा के अति पुण्य भाग व आचार्य भगवन विद्यासागर जी महामुनिराज के मंगल आशीर्वाद से आचार्य भगवन के परम प्रभावक शिष्य निर्यापक श्रमण अभय सागर जी ससंघ त्रय मुनिराजों का वर्ष 2022 का वर्षायोग चातुर्मास मड़ावरा में सम्पन्न होने के उपरांत मुनि संघ का पिच्छिका परिवर्तन समारोह नगर की हृदय स्थली महावीर विद्याविहार के देशनाग्रह में हर्षोल्लास पूर्वक संपन्न हुआ।

कार्यक्रम का संचालन अशोकनगर से आये विजय जी धुर्रा एवं शैलेन्द्र श्रृंगार ने किया। पिच्छिका परिवर्तन समारोह के आरम्भ होने के पूर्व आचार्य भगवन के चित्र अनावरण का सौभाग्य नगर के सभी जिनालयों के प्रबंधक व विधान के दौरान पुण्यार्जन करने वाले परिवारों को प्राप्त हुआ एवं दीप प्रज्ज्वलन करने का सौभाग्य मुनि श्री के पूर्व जीवन काल के परिजनों व आचार्य विद्यासागर विद्यालय एवं वर्णी पूर्व माध्यमिक विद्यालय परिवार को प्राप्त हुआ।

मुनिसंघ को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य दयोदय महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार जी लाला व हथकरघा परिवार पथरिया को प्राप्त हुआ। त्रय मुनिसंघ के पाद प्रक्षालन करने का सौभाग्य सुनील कुमार सिरोंज, नीलेश कुमार दुकानवाले एवं श्रेयांस कुमार सिंघई अशोकनगर को प्राप्त हुआ। इसके बाद जैन समाज की सभी सामाजिक संस्थाओं द्वारा अष्टद्रव्य भेंट किए गए।

कार्यक्रम में नृत्य के माध्यम से मंगलाचरण बालिका मण्डल अशोकनगर की बालिकाओं प्रांजलि जैन, यशा जैन धुर्रा, उन्नति जैन व माही जैन द्वारा प्रस्तुत किया गया। मुनि संघ को भेंट की जाने वाली पिच्छिकाओं के अनावरण का सौभाग्य वर्णी नगर मड़ावरा की समस्त सामाजिक संस्थाओं को प्राप्त हुआ। मुनि निरीह सागर जी की पुरानी पिच्छी लेने का सौभाग्य संतोष जैन शास्त्री साडूमल को व मुनि प्रभात सागर जी की पिच्छी लेने का सौभाग्य रत्नेश जैन वैध परिवार को प्राप्त हुआ। निर्यापक मुनि अभय सागर जी की पिच्छी लेने का सौभाग्य कपूरचंद गोना वाले परिवार को प्राप्त हुआ। अशोकनगर, गुना, चंदेरी, मुंगावली, ललितपुर, महरौनी, सागर, टीकमगढ़, आरोन, प्राणपुरा, पथरिया, सिरोंज, भोपाल, इंदौर, बम्होरी, सैदपुर, साडूमल आदि जगहों से आये हजारों श्रद्धालु इस भव्य पिच्छिका समारोह के साक्षी बने।

आकर्षण रही पिच्छी लाने वाली ट्रेन

समारोह में नवीन पिच्छी को समारोह स्थल के छोड़ से लाने के लिए अशोकनगर मप्र से आयी ट्रेन आकर्षण का केंद्र रही। ट्रेन का संचालन अशोकनगर, मप्र से आया जैन नवयुवक मंडल कर रहा था। ट्रेन के डिब्बों को घोड़ा, ऊंट, मोर एवं हाथी का रूप दिया गया था, जिन पर बड़े ही सुंदर तरीके से धार्मिक सुरलहरियों पर नाचते-गाते नवीन पिच्छिका को मंच तक लाया गया।

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