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पुण्य का संचय करने के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिएः आर्यिका श्री प्रसन्न मति माताजी

धरियावाद । महावीर दिगंबर जैन मंदिर में धर्मसभा हुई जिसमें प्रसन्न मति माताजी ने कहा कि पुण्य का संचय करने के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए तथा इसके लिए सदैव पुरुषार्थ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक माँ के कुसंस्कार से बालक का पतन भी होता है और मां के सुसंस्कार से वही बालक परमात्मा को भी प्राप्त कर सकता है। यह सब माता के संस्कारों पर निर्भर करता है। जमाना नहीं बदला है। पृथ्वी पर दिन- रात 24 घंटे पहले भी थे और अब भी वही है। जो सूर्य- चंद्रमा, ग्रह- नक्षत्र तारे पहले थे अब भी हैं अर्थात प्रकृति तो पहले जैसी अभी भी है। बदला है तो सिर्फ मनुष्य। उसकी सोच, संस्कारों की कमी की वजह से और निजी स्वार्थ हावी हुए हैं।
प्रसन्न मति माताजी ने आगे कहा कि लोग कहते हैं कि जमाना बदल गया है। हम सभी को हमेशा आगम में वर्णित चारों प्रकार के दान, आहार दान, औषध दान, शास्त्र दान और अभय दान देने में अग्रणी रहना चाहिए और अपनी सामर्थ्य नहीं छुपाना चाहिए। श्रीफल परिवार के समन्वयक धर्मेन्द्र जैन ने बताया कि इस दौरान महावीर जैन मंदिर में भगवान का अभिषेक, विशेष पूजन, भक्ति संध्या सहित धार्मिक कार्यक्रम सेवक- सेविकाओं की उपस्थिति में संपन्न हुए।

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तुष्टी जैन, उपसंपादक

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