जैन संस्कृत महाविद्यालय के संस्थापक पंडित गोपालदास वरैया की जन्म जयंती 30 मार्च को मनाई जाएगी। विद्यालय के प्राचार्य ने जानकारी देते हुए बताया कि वरैयाजी ने आज से लगभग 123 वर्ष पूर्व एक विद्यालय की स्थापना की थी। विद्यालय आज एक वटवृक्ष का रूप ले चुका है और संपूर्ण भारतवर्ष में अपनी पताका फहरा रहा है। पूर्व में विद्यालय से शिक्षा प्राप्त विद्वान पंडित अरविंद कुमार जैन को सम्मानित किया जायेगा। पढ़िए मुरैना से मनोज जैन नायक की यह पूरी खबर..
मुरैना। जैन संस्कृत महाविद्यालय मुरैना के संस्थापक पंडित गोपालदास वरैया की जन्म जयंती 30 मार्च को मनाई जाएगी। श्री गो.दि. जैन संस्कृत विद्यालय मुरैना के प्राचार्य पंडित चक्रेश जैन शास्त्री ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरुनाम गुरु गोपालदास वरैया ने आज से लगभग 123 वर्ष पूर्व मुरैना नगर में एक विद्यालय की स्थापना की थी। उनके द्वारा स्थापित विद्यालय आज एक वटवृक्ष का रूप ले चुका है और श्री गोपाल दिगंबर जैन संस्कृत विद्यालय, मुरैना के नाम से संपूर्ण भारतवर्ष में अपनी पताका फहरा रहा है। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी विद्यालय परिवार पूज्य गुरुनाम गुरु पंडित गोपालदास वरैया की जयंती 30 मार्च को संस्कृत विद्यालय के प्रांगण में मनाई जा रही है। इस अवसर पर पूर्व में विद्यालय से शिक्षा प्राप्त विद्वान पंडित अरविंदकुमार जैन शास्त्री गुलगंज (रुड़की) को सम्मानित किया जायेगा।
जैन दर्शन के प्रकांड शिक्षाविद और विद्वान
श्री गोपालदास जैन संस्कृत विद्यालय मुरैना के मंत्री सुनील भंडारी द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार पंडित गोपालदास वरैया जैन धर्म, जैन दर्शन के प्रकांड शिक्षाविद और विद्वान थे। आपने 123 वर्ष पूर्व मुरैना में संस्कृत विद्यालय की स्थापना की। आप आजीवन विद्यालय के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित रहे।
निर्धन हेतु मदद व अनेकों पुस्तकों का प्रकाशन
आप सदैव निर्धन और असहाय विद्यार्थियों की मदद किया करते थे। आपने अपने जीवनकाल में सिद्धांत दर्पण, धर्म प्रवेशिका, सुशीला उपन्यास सहित अनेकों पुस्तकों का प्रकाशन किया। ईमानदारी, सच्चाई एवं निष्ठा आपके जीवन का मूलाधार रही। धर्म, शिक्षा एवं संस्कारों के लिए समर्पित गुरुनाम गुरु पंडित गोपालदास वरैया की जन्म जयंती पर जैन संस्कृत विद्यालय समिति, विद्यालय के पूर्व छात्रगढ़, विद्यालय में अध्ययनरत बच्चे एवं मुरैना जैन समाज के गणमान्य बंधु एकत्रित होकर पंडित श्री वरैया जी की गुणगान करते हुए उन्हें याद करेंगे।
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