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दोहों का रहस्य -8 आत्मा की गहराई और श्रद्धा का प्रतिबिंब है वाणी : सकारात्मक वाणी लाती है समाज में संतुलन और आत्मा की शांति


दोहे भारतीय साहित्य की एक महत्वपूर्ण विधा हैं, जो संक्षिप्त और सटीक रूप में गहरी बातें कहने के लिए प्रसिद्ध हैं। दोहे में केवल दो पंक्तियां होती हैं, लेकिन इन पंक्तियों में निहित अर्थ और संदेश अत्यंत गहरे होते हैं। एक दोहा छोटा सा होता है, लेकिन उसमें जीवन की बड़ी-बड़ी बातें समाहित होती हैं। यह संक्षिप्तता के साथ गहरे विचारों को व्यक्त करने का एक अद्भुत तरीका है। दोहों का रहस्य कॉलम की आठवीं कड़ी में पढ़ें मंजू अजमेरा का लेख…


“बोली एक अनमोल है, जो कोई बोले जानि।

हिय तराजू तौले के, तब मुख बाहर आनि।”


वाणी को आत्मा का प्रतिबिंब माना जाता है। बोलने से पहले हृदय में तौलना चाहिए। वाणी ईश्वर और आत्मा के प्रति श्रद्धा और गहराई को दर्शाती है।

जीवन में सकारात्मक और प्रिय वाणी से दूसरों के साथ संबंध मधुर बनते हैं और यह ईश्वर के प्रति समर्पण का हिस्सा भी बनता है। विचारपूर्वक बोले गए शब्दों से सामाजिक संघर्ष और कटुता कम होती है, यह न केवल समाज में संतुलन लाएगा, बल्कि आपकी आत्मा को शांति भी देगा। विवेकपूर्ण वाणी समाज में बदलाव लाने का प्रभावशाली माध्यम बन सकती है।

समाज में व्यक्ति की छवि उसकी वाणी से तय होती है। अतः बोलने से पहले शब्दों का चयन ध्यानपूर्वक करें। यह आत्म-

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