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सिद्ध चक्र महामंडल विधान में पहले दिन सिद्धों को स्मरण कर आठ अर्घ्य मंडल पर समर्पित किए : भगवान की भक्ति सम्यक्त से किए जाने पर ही पुण्य का कारण होती है – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर


अंजनी नगर,इंदौर स्थित पार्श्व संत सदन भवन, श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में  अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज एवं क्षुल्लक श्री अनुश्रमण सागर जी महाराज के सानिध्य में सिद्ध चक्र विधान शुरू हुआ । पहले दिन सिद्धों को स्मरण करते हुए आठ अर्घ्य मंडल पर समर्पित किए । इस अवसर पर अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज ने कहा की आप के जीवन में भक्ति करने का अवसर मिले तो कहना की पुण्य के उदय से यह अवसर मिला इसमें कोई निमित्त बन जाए वह बात अलग है पर पुण्य का उदय तुम्हारा अपना था । पढ़िए यह विशेष रिपोर्ट…


इंदौर। अंजनी नगर स्थित पार्श्व संत सदन भवन, श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य श्री अभिनंदन सागर महाराज जी से दीक्षित, आचार्य श्री वर्धमान सागर महाराज से शिक्षित अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज एवं क्षुल्लक श्री अनुश्रमण सागर जी महाराज के सानिध्य में सिद्ध चक्र विधान शुरू हुआ, पहले दिन सिद्धों को स्मरण करते हुए आठ अर्घ्य मंडल पर समर्पित किए । श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर द्वारा आयोजित विधान में मंडप प्रतिष्ठा,इंद्र प्रतिष्ठा,कलश स्थापना,अखंड दीप प्रज्वलन , मंडप पर 9 कलश स्थापित किए गए  और भगवान की शांतिधारा के साथ सिद्ध चक्र विधान की पूजा प्रारंभ की गई जिसमे। पहले दिन आठ अर्घ्य समर्पित किए गए । पूजा के बाद 108 जाप की आहुति दी गई । समाज अध्यक्ष अध्यक्ष देवेंद्र सोगानी, विधान संयोजक ऋषभ पाटनी ने बताया की अनुष्ठान की विधि विधान विधानाचार्य योगेंद्र काला द्वारा किया गया ।

इन्हें मिला सौभाग्य

विश्व शांति हेतु सोमवार की शांतिधारा के लाभार्थी श्री ऋषभ रीता पाटनी, शैलेन्द्र समता जैन, विमलचंद बड़जात्या और अशोक बक्षी द्वारा की गई ।

भावना के साथ करें पूजा 

इस अवसर पर अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज ने कहा भगवान की भक्ति सम्यक्त किए जाने पर ही पुण्य का कारण होती है । आठ कर्मों का नाश हो इसी भावना के साथ प्रभु की पूजा करनी चाहिए इस भाव से की गई पूजा पाप कर्म का नाश करती है और अगले आठ कर्म नाश ना हो तो सांसारिक सुख अपने आप मिल जाते हैं। आकांक्षा के साथ की गई भक्ति मिथ्यात्व का कारण हो सकती है । आप जो भी कर रहे भक्ति में उसके पीछे का उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए । आप के जीवन में भक्ति करने का अवसर मिले तो कहना की पुण्य के उदय से यह अवसर मिला इसमें कोई निमित्त बन जाए वह बात अलग है पर पुण्य का उदय तुम्हारा अपना था । विधान संयोजक चन्द्रकुमार गोधा ने बताया कि मंगलवार सुबह 6 बजे से होने वाली अभिषेक शन्तिधारा के  लाभार्थी परिवार श्री चन्द्रकुमार ज्योति गोधा, प्रियंक प्रियंका शाह , हर्ष अन्नू पाटनी ईशान इन्द्र , अशोक संगीता जैन सानत इन्द्र रहेंगे ।

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