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स्वर्ण भद्रादि चार महामुनिराजों की निर्वाण स्थली पावागिरी सिद्ध क्षेत्र ऊन में अद्भुत नजारा : पट्टाचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज ससंघ का मंगल प्रवेश


पावागिरी सिद्ध क्षेत्र ऊन में एक अद्भुत नजारा देखने को मिला, जब चर्या शिरोमणि, पट्टाचार्य आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज ससंघ का मंगल प्रवेश हुआ। आचार्य श्री की मंगल अगवानी करने के लिए गणाचार्य विराग सागर जी के मूल संघ के मुनि श्री विवर्धन सागर जी महाराज एवं आर्यिका विशिष्ट मति माताजी ससंघ पहुंचे। पढ़िए दीपक प्रधान की विशेष रिपोर्ट…


ऊन (पावागिरी सिद्ध क्षेत्र)। पावागिरी सिद्ध क्षेत्र ऊन में एक अद्भुत नजारा देखने को मिला, जब चर्या शिरोमणि, पट्टाचार्य आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज ससंघ का मंगल प्रवेश हुआ। आचार्य श्री की मंगल अगवानी करने के लिए गणाचार्य विराग सागर जी के मूल संघ के मुनि श्री विवर्धन सागर जी महाराज एवं आर्यिका विशिष्ट मति माताजी ससंघ पहुंचे। हजारों श्रद्धालुओं की साक्षी में गुरु-शिष्य मिलन का अद्भुत दृश्य सभी ने निहारा। इस दौरान आचार्य श्री के पाद प्रक्षालन एवं चरण वंदना सभी महाराज और आर्यिका माताजी ने की।

आचार्य श्री के साथ किया पद विहार

क्षेत्र के प्रचार मंत्री आशीष जैन, पारस कासलीवाल, भीकन गांव ने बताया कि आचार्य संघ की मंगल आगवानी में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, भगवानपुरा विधायक केदार डाबर, जिला पंचायत सदस्य रेवाराम पाटीदार आदि सुबह से ही पहुंच गए थे। इन्होंने आचार्य श्री के साथ पद विहार भी किया। मंगल अगवानी के साथ ही घटयात्रा में महिलाएं मंगल कलश सिर पर धारण कर चल रही थीं। बड़वाह के बैंड द्वारा सुमधुर भजन प्रस्तुत किए जा रहे थे, जबकि पंजाब के बैंड द्वारा नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी गई, जिसे सभी ने सराहा।

इन्हें मिला सौभाग्य

पांडाल प्रांगण में संपूर्ण संघ के सानिध्य में प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी धर्म चंद्र शास्त्री (नई दिल्ली) के निर्देशन में ध्वजारोहण हुआ। ध्वजारोहण करने का सौभाग्य भरत रितु जैन (जीरभार वाले), इंदौर को प्राप्त हुआ, जबकि मंडप उद्घाटन का सौभाग्य क्षेत्र के अध्यक्ष हेमचंद मीना झंझरी परिवार, इंदौर को प्राप्त हुआ। आचार्य श्री के पाद प्रक्षालन करने का सौभाग्य भी भरत रितु भूपेंद्र जैन, इंदौर को प्राप्त हुआ। शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य चिंतामण जी, खंडवा को प्राप्त हुआ, और चित्र अनावरण शालिनी पंकज जटाले, बेड़ियां ने किया। दीप प्रज्वलन का सौभाग्य अमित जैन, जंबू जैन एवं गुर्जर समाज मंडली, लोनारा को प्राप्त हुआ। मुख्य घट कलश विवेक विनोद जैन, खरगोन एवं द्वितीय कलश मीना झंझरी, इंदौर ने स्थापित किया।

17 चौकों में आहारचर्या

मुनि श्री विवर्धन सागर जी महाराज एवं आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज ने अपनी अमृतमयी वाणी से सबको लाभान्वित किया। संघ के 55 साधुओं की आहार चर्या परिसर में लगे 17 चौकों में पूर्ण हुई, और आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी की आहार चर्या महेश्वर के चौके में पूरी हुई। महोत्सव पंडाल में दोपहर को सकलीकरण, इंद्र प्रतिष्ठा, मंडप प्रतिष्ठा के पश्चात विधान हुआ। शाम को महा ध्वजा की स्थापना के बाद आरती और शास्त्र प्रवचन के बाद निमाड़ महिला मंडल द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई।

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