मां चर्मण्यवती के पावन तट पर स्थित आर.के. पुरम के देव शास्त्र गुरु के परम भक्त, व्यवहार कुशल श्री विमल चंद जैन 16 अगस्त 2022 को ब्रेन पैरालिसिस बीमारी से ग्रसित हो गए थे। विगत 2 साल 6 महीने तक उनकी दिन-रात पूर्ण निष्ठा और समर्पण भाव से सेवा करने के उपलक्ष्य में कोटा सकल जैन समाज के पूर्व अध्यक्ष, समाजसेवी एवं ऊर्जावान धर्मनिष्ठ श्री अजय जैन बाकलीवाल और पारस जैन (पत्रिका) एवं श्रीमती मृदुला जैन ने पारस जैन पार्श्वमणि पत्रकार और सद संस्कारों से युक्त श्रीमती सारिका जैन का भावपूर्ण अभिनंदन कर उन्हें माल्यार्पण किया। पढ़िए पारस जैन की रिपोर्ट…
कोटा। मां चर्मण्यवती के पावन तट पर स्थित आर.के. पुरम के देव शास्त्र गुरु के परम भक्त, व्यवहार कुशल श्री विमल चंद जैन 16 अगस्त 2022 को ब्रेन पैरालिसिस बीमारी से ग्रसित हो गए थे। विगत 2 साल 6 महीने तक उनकी दिन-रात पूर्ण निष्ठा और समर्पण भाव से सेवा करने के उपलक्ष्य में कोटा सकल जैन समाज के पूर्व अध्यक्ष, समाजसेवी एवं ऊर्जावान धर्मनिष्ठ श्री अजय जैन बाकलीवाल और पारस जैन (पत्रिका) एवं श्रीमती मृदुला जैन ने पारस जैन पार्श्वमणि पत्रकार और सद संस्कारों से युक्त श्रीमती सारिका जैन का भावपूर्ण अभिनंदन कर उन्हें माल्यार्पण किया।
अजय बाकलीवाल जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि “आज के समय में ऐसे संदेश तेजी से वायरल होते हैं, जिनमें यह दिखाया जाता है कि कुछ लोग अपने माता-पिता की सेवा नहीं करते। ऐसे माहौल में पारस जैन पार्श्वमणि और श्रीमती सारिका जैन ने समाज को यह सकारात्मक संदेश दिया है कि आज भी ऐसे लोग हैं, जो अपने माता-पिता की सेवा को प्राथमिकता देते हैं।
श्री विमल चंद जैन के अंतिम समय में जिस प्रकार उनके बेटे और बहू ने निष्ठा और समर्पण से उनकी सेवा की, उसका प्रचार होना चाहिए ताकि यह सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सके। “अगर माता-पिता की तन-मन-धन से सेवा करने वाले बेटा-बहू का समाज में वास्तविक सम्मान होने लगेगा, तो नई पीढ़ी में माता-पिता के प्रति आदर और सम्मान का भाव बढ़ेगा। साथ ही, “ओल्ड एज होम” जैसी अवधारणाओं को प्रोत्साहन नहीं मिलेगा, क्योंकि युवा पीढ़ी अपने बुजुर्गों की देखभाल को अपना कर्तव्य समझेगी। ऐसे सकारात्मक उदाहरणों का प्रचार समाज में संस्कार और सेवा की भावना को पुनर्जीवित करने में मदद करेगा।
पारस जैन (पत्रिका) ने बताया कि राजस्थान की राजधानी जयपुर में मुख्यमंत्री के आवास पर पहली बार मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा जी ने 13 दिगंबर श्वेतांबर संतों की मंगलमय उपस्थिति में पारस जैन पार्श्वमणि को “वर्तमान का श्रमण कुमार” और श्रीमती सारिका जैन को “युग की नारी” के सम्मान से विभूषित कर प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया। यह सम्मान अपार जनसमूह के बीच प्रदान किया गया, जो जैन समाज के लिए गर्व का विषय है।
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