परम पूज्य पवित्रवती माताजी संघ का मंगल चातुर्मास समापन सोमवार को हुआ, जिसके दौरान श्रद्धालुओं ने नम आंखों से माताजी को विदाई दी। सुबह आदिनाथ मंदिर में शांतिधारा और अभिषेक के बाद विधान का आयोजन किया गया, जिसमें पंडित रमेश गांधी के मंत्रोच्चारण में पूजन सम्पन्न हुआ। पढ़िए सुरेश चंद्र गांधी की यह विशेष रिपोर्ट…
नौगामा। परम पूज्य पवित्रवती माताजी संघ का मंगल चातुर्मास समापन सोमवार को हुआ, जिसके दौरान श्रद्धालुओं ने नम आंखों से माताजी को विदाई दी। सुबह आदिनाथ मंदिर में शांतिधारा और अभिषेक के बाद विधान का आयोजन किया गया, जिसमें पंडित रमेश गांधी के मंत्रोच्चारण में पूजन सम्पन्न हुआ। इसके बाद आर्यिका संघ का विहार हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं की आंखों से आंसू बह रहे थे। इस अवसर पर माताजी ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा, “साधु का आना-जाना होता ही है, हमें दुखी नहीं होना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि नौगामा चातुर्मास वागड़ के बड़े बाबा आदिनाथ भगवान की कृपा और गुरु कृपा से नौगामा नगरवासियों को मिला और इन चार महीनों में सभी ने धर्म लाभ लिया। “सभी ने संयम, नियम और तप से सफल बनाए हैं, आप सभी को हमारा बहुत-बहुत आशीर्वाद है।”
माताजी ने यह भी कहा कि “सुखदेव तीर्थ नसिया जी में शीघ्र ही प्रतिमा विराजमान हो, ऐसी हमारी भावना है। साथ ही, बड़ी माताजी विज्ञान मति के साथ पुनः आगमन होगा।” माताजी ने युवा, महिला और पुरुषों से आग्रह किया कि वे चातुर्मास में प्राप्त संस्कारों को जीवनभर निभाते हुए सही मार्ग पर चलें। समाप्ति के बाद माताजी संघ सहित पिंडारमा नगर होते हुए बोडीगामा नगर में मंगल प्रवेश हुआ, जहां मंगल कलशों और बैंड-बाजे के साथ भव्य अगवानी की गई।
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